• छऊ नृत्य कार्निवाल होगा आकर्षण का केंद्र, सिल्ली स्टेडियम सजधज कर तैयार
रांची। विकास की नई यात्रा के साथ सिल्ली में होने वाले गूंज महोत्सव का आयोजन 18 दिसंबर से शुरू होगा। तीन दिवसीय इस महोत्सव का उदघाटन 18 दिसंबर को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस करेगे। महोत्सव की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सिल्ली का स्टेडियम सजधज कर तैयार है।तीन दिनों के महोत्सव में कई योजना और सेवा की शुरूआत की जा रही है। इसके केंद्र में है शिक्षा और चिकित्सा। महोत्सव के आगाज के साथ शनिवार (आज) की शाम सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के 48 पंचायतों में कैंडल मार्च निकाला गया।
सिल्ली और मूरी शहरी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में लोग कैंडल मार्च में शामिल हुए। इस मार्च के जरिए विकास उत्सव में एकजुटता और सामूहिक भागीदारी के संदेश दिए गए। उदघाटन के दिन, 18 दिसंबर को एक साथ पांच हजार छऊ नृत्य कलाकारों का ‘छऊ कार्निवाल’ आकर्षण का केंद्र होगा। इस कार्निवाल में बतौर विशिष्ट अतिथि लोक कला से जुड़ी कई महान हस्तियां शामिल होंगी। छऊ कार्निवाल के साथ ही पाइका और अन्य लोक कलाओं का प्रदर्शन होगा। साथ ही डेढ़ हजार युवा, बच्चे भी सांस्कृतिक प्रदर्शन करेंगे। स्टेडियम में ही गांव के जीवंत शक्ल में सिल्ली हाट का निर्माण किया गया है। इनमें कई स्टॉल लगाए गए हैं, जो 18 दिसंबर से ही खुल जाएंगे।
महोत्सव को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह और उल्लास का वातावरण बना है। गूंज महोत्सव के संरक्षक और सिल्ली के विधायक सुदेश कुमार महतो दिन- रात तैयारियों का जायजा लेने में लगे हैं। महोत्सव की सफलता के लिए उन्होंने वॉलंटियर, एसएचजी, गूंज परिवार के सदस्यों के अलावा समाज के सभी वर्गों की जिम्मेदारी तय की है। महोत्सव का पहला दिन महिलाओं के नाम होगा। जबकि दूसरा दिन किसान और तीसरा दिन युवा महोत्सव मनाया जाएगा।
महोत्सव के साथ प्रगति की नई यात्रा तय होगीः सुदेश कुमार महतो
सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि सामाजिक- सांस्कृतिक अवधारणा का जीवंत प्रतीक गूंज महोत्सव ने समय के साथ क्षेत्र के विकास को गतिमान किया है। इस बार प्रगति की नई यात्रा तय होगी। हमें जनाकांक्षाओं के अनरूप सृजन के नए प्रयासों को मूर्त रूप देना है। विविध आयाम से जुड़े इस महोत्सव के जरिये वैसे अवसर भी तैयार किए जाने हैं, जिनसे सिल्ली विधानसभा क्षेत्र का वर्तमान और भविष्य संवारा जा सके। यह महोत्सव उत्साह और उल्लास के पर्याय के साथ समाज के सशक्तिकरण का निरंतर प्रयास भी है।