रांची । टुंडी के पूर्व विधायक और बिहार सरकार में मंत्री रहे डॉ सबा अहमद का शनिवार सुबह निधन हो गया। नई दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे सबा अहमद को बीते दिनों इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया था। उनके निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को दुख की विकट घड़ी में सहन करने की शक्ति दे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजकीय सम्मान के साथ डॉ सबा अहमद को अंतिम विदाई दी जायेगी। परिजनों के अनुसार रविवार को उनका शव गिरिडीह के पचंबा स्थित उनके निवास स्थान पर लाया जाएगा। यहीं शव को सुपुर्दे खाक किया जाएगा।
पूर्व मंत्री डॉ. सबा अहमद के निधन से उनके गृह जिले गिरिडीह में शोक व्याप्त है। वे धनबाद जिले के टुंडी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे हैं। पहली बार 1992 में जेएमएम के टिकट पर, दूसरी बार 1995 में जेएमएम के ही टिकट पर कृष्णा मरांडी गुट और तीसरी बार 2000 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते। वे बिहार सरकार में दो बार मंत्री रहे। पहली बार कारा मंत्री दूसरी बार उच्च शिक्षा मंत्री बने । वर्ष 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष चुने गए। वे एक बार कोडरमा और दो बार गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़े लेकिन तीनों बार सफल नही हुए।
डॉ. सबा अहमद के पिता डॉ. आई अहमद भी जिले के कांग्रेस नेता और जाने माने चिकित्सकों थे। गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी बने। छह भाइयों में डॉ. सबा अहमद सबसे बड़े थे। सबसे छोटे भाई नेयाज अहमद झारखंड के डीजीपी रह चुके हैं। गांडेय विधानसभा क्षेत्र से जेएमएम विधायक डॉ. सरफराज अहमद इनके चचेरे भाई हैं।
डॉ. सबा अहमद के निधन पर डॉ. सरफराज अहमद ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे मेरे बड़े भाई जैसा थे। उनके निधन से परिवार के साथ-साथ राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है। वे अच्छे इंसान होने के कारण सबके चहेते थे।