टोक्यो। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे नहीं रहे। पश्चिमी जापान के नारा शहर में एक चुनावी सभा में भाषण के दौरान शुक्रवार सुबह उन्हें गोली मारी गई थी, जिसके बाद उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी आया था। घटना के बाद शिंजो आबे को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। जापान के सरकारी समाचार प्रसारक एनएचके वर्ल्ड न्यूज ने शिंजो आबे के निधन की पुष्टि की है।
शिंजो आबे पर हमले के कुछ घंटे बाद राजधानी टोक्यों में एक भावनात्मक भाषण देते हुये प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा- ‘यह ‘घृणित कार्य’ है। मैं दिल से दुआ कर रहा हूं कि आबे ठीक हो जाएं। मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। लोकतंत्र में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं है। आगे उन्होंने कहा था कि देश में चुनाव चल रहे हैं। यह लोकतंत्र की बुनियाद पर हमला है। यह बर्बर और दुर्भावनापूर्ण है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे। इस हमले की निंदा के लिए जितने भी कड़े शब्द हो सकते हैं, मैं उसका इस्तेमाल करना चाहूंगा।’
शिंजो आबे पर हुए हमले की दुनिया भर में निंदा हो रही है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिंजो आबे पर हुए हमले पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके विचार और प्रार्थनाएं जापान की जनता के साथ हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट संदेश में कहा था- “ मैं प्रिय मित्र शिंजो आबे पर हुए हमले से बहुत व्यथित हूं। हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके, उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं।” इस बर्बरता पर व्हाइट हाउस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस ने कहा कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हुए हमले की हम बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हम उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं।
शिंजो आबे रविवार को संसद के अपर हाउस के लिए होने वाले चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रहे थे। इसी दौरान पश्चिमी जापान के नारा शहर में उनपर प्राणघातक हमला हुआ है। हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। भारत और जापान के बेहतर संबंधों में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। इससे पहले 1932 में जापान के प्रधानमंत्री इनुकाई सुयोशी की हत्या एक नौसेना अधिकारी ने कर दी थी। जापान उन देशों में शुमार है, जहां बंदूक रखने को लेकर बेहद कड़े कानून हैं। शिंजो आबे ने इसी साल फरवरी में कहा था कि जापान को लंबे समय से जारी एक वर्जना को तोड़ देना चाहिए और परमाणु हथियारों पर सक्रिय बहस शुरू करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए नौ जुलाई को एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस कठिन घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में, 9 जुलाई 2022 को एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा।”
शिंजो आबे को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के दुखद निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं। वह एक महान वैश्विक राजनेता, एक उत्कृष्ट नेता और एक उल्लेखनीय प्रशासक थे। उन्होंने जापान और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।” उन्होंने कहा, “श्री आबे के साथ मेरा जुड़ाव कई साल पुराना है। मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें जानता था और मेरे पीएम बनने के बाद भी हमारी दोस्ती जारी रही। अर्थव्यवस्था और वैश्विक मामलों पर उनकी तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि ने हमेशा मुझ पर गहरी छाप छोड़ी।”
मोदी ने कहा, “अपनी हाल की जापान यात्रा के दौरान, मुझे श्री आबे से दोबारा मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। वह हमेशा की तरह हाजिर जवाब और व्यावहारिक थे। मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। उनके परिवार और जापानी लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।” उन्होंने कहा, “श्री आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस कठिन घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं।”