रांची। दिल्ली में बेची गयी गुमला जिले की पांच आदिवासी नाबालिग लड़कियों का पुलिस ने रेस्क्यू किया है। दिल्ली पुलिस की मदद से इन लड़कियों को अलग-अलग घरों से रेस्क्यू किया गया है। इसके बाद बाल संरक्षण और गुमला पुलिस की टीम इन लड़कियों को लेकर गुमला पहुंची। पुलिस ने पांचों लड़कियों को सीडब्ल्यूसी गुमला के समक्ष प्रस्तुत किया। अभी सभी लड़कियां सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में है।
इन पांचों लड़कियों को मानव तस्करों ने दिल्ली में पहले प्लेसमेंट एजेंसी को बेचा। इसके बाद प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा इन लड़कियों को अगल-अलग स्थानों में घरेलू काम पर लगा दिया गया। सीडब्ल्यूसी की चेयरमैन कृपा खेस ने रविवार को कहा कि सभी लड़कियों का बयान लिया गया है। अलग-अलग मानव तस्करों ने इन लड़कियों को दिल्ली में ले जाकर बेचा था। सभी का बयान लेने के बाद अभी सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में रखा गया है। इन्हें परिजनों को सौंप दिया जायेगा।
बिशुनपुर प्रखंड की एक असुर जनजाति की लड़की गांव में पढ़ाई करती थी। गरीबी के कारण वह मानव तस्कर के बहकावे में आ गयी। तीन माह पहले मानव तस्करों ने उसे दिल्ली में ले जाकर बेच दिया लेकिन जिस घर में लड़की काम करती थी। उसे वहां का माहौल ठीक नहीं लगा। इसलिए वह घर वालों से छिपकर निकल भागी। वह एक बस में चढ़ गयी, परंतु बस के कंडक्टर ने दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने लड़की को अपने कब्जे में लेकर बालगृह में रखा। लड़की ने कहा कि अब वह दिल्ली नहीं जायेगी। उसने कस्तूरबा स्कूल में पढ़ने की इच्छा प्रकट की है।
दो सगी बहनों को एक ही जगह बेचा गया था
रायडीह प्रखंड की तीन नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करों ने दिल्ली में ले जाकर बेच दिया था। इसमें दो सगी बहनें हैं। खैरियत है कि दोनों बहनों को तस्करों ने एक ही प्लेसमेंट एजेंसी को बेचा। इसके बाद प्लेसमेंट एजेंसी ने दोनों बहनों को एक ही घर में घरेलू काम के लिए रख दिया। सीडब्ल्यूसी के अनुसार पहले बड़ी बहन को तस्करों ने बेचा था। इसके बाद छोटी बहन को भी ठग कर दिल्ली ले गये और बेच दिया। दोनों बहनों ने कहा कि अब वे दिल्ली नहीं जायेंगी। अपने गांव-घर में ही रहकर पढ़ाई करेंगी। बसिया प्रखंड की एक नाबालिग लड़की को छह साल पहले मानव तस्करों ने दिल्ली में ले जाकर बेच दिया था। छह साल काम करने के बाद भी उसे एक भी पैसा नहीं मिला था। दिल्ली पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली तो लड़की को एक घर से रेस्क्यू किया। इसके बाद गुमला पुलिस गयी तो उसे सौंप दिया।
आधार कार्ड में फेरबदल कर उम्र बढ़ायी
बताया जा रहा है कि सभी लड़कियां 15 से 17 साल की है लेकिन मानव तस्करों ने आधार कार्ड में फेरबदल कर इनकी उम्र 18 प्लस कर दिया था। इसके बाद दिल्ली में इन्हें अधिक उम्र दिखाकर घरेलू काम पर लगा दिया गया था। गुमला के सीडब्ल्यूसी के सदस्य धनंजय मिश्रा ने बताया कि पांचों लड़कियां पहले से स्कूल में पढ़ाई करती थी लेकिन तस्कर उन्हें सब्जबाग दिखाकर दिल्ली ले गये और घरेलू काम में लगा दिया था। इन लड़कियों ने पढ़ने की इच्छा प्रकट की है। इनका कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में नामांकन कराया जायेगा।