Koderma: नाबालिग बच्ची की प्रलोभन देकर अगवा करने व उसकी तस्करी करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने सोमवार को पांच आरोपितो को 14 वर्ष की सश्रम कारावास एवं आर्थिक दंड भरने की सजा सुनाई है। सजा पाने वालो में मनगीता देवी और उसके पति हरिओम चौधरी(हिसुआ-नवादा), पूजा देवी(वजीरगंज-गया), राजेंद्र कुमार, राम कुमार(पीलीभीत यूपी) के नाम शामिल है।
न्यायालय ने भादवि की धारा 370(4) के तहत 14-14 वर्ष की सश्रम कारावास और 25 हजार रूपए का आर्थिक जुर्माना, धारा 366ए में 1-7 वर्ष सश्रम कारावास एवं 12 हजार जुर्माना और भादवि की धारा 120वीं के तहत 5-5 वर्ष की सश्रम कारावास और 10 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई है। सभी सजाएं साथ साथ चलेगी। जुर्माना की राशि नहीं भरने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
नाबालिक बच्ची की मां ने जयनगर थाना में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि उनकी नाबालिग पुत्री 5 जनवरी 2022 को 6:00 बजे शौच के लिए गई उसके बाद वापस नहीं लौटी काफी खोजबीन करने के बाद भी उसका पता नहीं चला। इसी दौरान पड़ोस की एक लड़की ने बताया कि आपकी पुत्री को मनगीता देवी के साथ जाते हुए देखी है । मनगीता अपने पति हरिओम चौधरी के साथ इलाके में ताड़ी बेचने का काम करती थी। जयनगर पुलिस ताड़ी बेचने वाले दंपत्ति को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की।
पूछताछ के बाद जयनगर पुलिस हिरासत में लिए गए दंपति पत्नी मंगीता देवी के निशानदेही पर उत्तर प्रदेश पीलीभीत पहुंची और वहां से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया जिसमें रामकुमार, खाद सराय पीलीभीत (उत्तर प्रदेश) तथा राजेंद्र कुमार कल्याणपुरा खास, थाना जहानाबाद शामिल थें। पुछताछ में पता चला कि मंगीता देवी उक्त किशोरी को कल्याणपुरा खास, थाना जहानाबाद के राजेंद्र कुमार के माध्यम से खाद सराय पीलीभीत (यूपी) के रहने वाले रामकुमार के हाथों 60 हजार रू में बेच दी थी। किशोरी से रामकुमार ने शादी रचा ली। जिसके बाद पुलिस मंगीता देवी को लेकर उत्तर प्रदेश पीलीभीत पहुंचकर किशोरी को बरामद करते हुए रामकुमार और राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया था