नई दिल्ली।गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए झांकियों और मार्चिंग दस्तों के लिए पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है। तीनों सेनाओं के मार्चिंग दस्ते में नौसेना का पहला स्थान मिला है। जबकि राज्यों की झांकी में उत्तर प्रदेश पहला स्थान पर रहा है। परेड में इस वर्ष 12 राज्यों की झांकियां शामिल हुई थी। वही अर्धसैनिक बलों के मार्चिंग दस्ते में सीआईएसएफ को पहला तथा शिक्षा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकियों को संयुक्त रूप से पहले पुरस्कार के लिए चुना गया है। आवास और शहरी मंत्रालय की झांकी को विशेष पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
उत्तर प्रदेश की झांकी में काशी विश्वनाथ धाम तथा प्राचीन वाराणसी शहर के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित किया गया था। इसके अगले हिस्से में राज्य के एक जिला एक उत्पाद योजना को भी दर्शाया गया, जो कौशल विकास कार्यक्रम के जरिए स्वदेशी उत्पादों , कला और हस्तशिल्प को संरक्षित, विकसित व बढ़ावा देने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी पैदा करती है। झांकी के पिछले भाग में काशी धाम की झलक दिखाई दी, जिसमें प्राचीन वाराणसी शहर के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को भी प्रदर्शित किया गया। यह शहर वरुणा और अस्सी नदियों से मिलकर बना है। मोक्षदायिनी मां गंगा के पश्चिमी तट पर बसी इस नगरी के हृदय में स्थित काशी विश्वनाथ धाम में भगवान विशेश्वर द्याम का ज्योतिर्लिंग प्रतिष्ठित है। इस झांकी को कोलकाता के कलाकारों ने 20 दिन में तैयार किया था।
इसी तरह नौसेना के मार्चिंग दस्ते में 96 पुरुष, 3 प्लाटून कमांडर और आकस्मिक कमांडर शामिल हुए। दस्ते का नेतृत्व 5 साल से नौसेना में कार्यरत उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने किया। 4 साल में किसी महिला कमांडर को यह जिम्मेदारी मिली है। आंचल के पिता अमरीश कुमार सूबेदार मेजर के पद से रिटायर हुए हैं। अब व शिक्षक है। वही आंचल के पति मयंक भी नौ सेना में लेफ्टिनेंट कमांडर है। नौसेना की झांकी में देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत को राजपथ पर दिखाया गया। झांकी के अगले हिस्से में 1946 के नौसेना विद्रोह को दर्शाया गया, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है। वही पिछले भाग में 1983 से 2021 तक भारतीय नौसेना की मेक इन इंडिया पहल को दर्शाया गया। भारतीय नौसेना की झांकी में आजादी का अमृत महोत्सव का भी जिक्र किया गया है।
वही गणतंत्र दिवस की परेड में बेहतरीन प्रदर्शन दिखाकर सीआईएसएफ की टुकड़ी ने एक बार फिर से मार्चिंग दल की ट्रॉफी अपने नाम की है। सीआरपीएफ ने इस परेड में पैरामिलिट्री और अन्य सहायक मार्चिंग दलों को पीछे छोड़ते हुए टॉफी पर बाजी मारी है। इससे पहले भी सीआईएसएफ ने 6 बार इस ट्रॉफी को अपने नाम किया था। इस तरह सातवीं बार सीआरपीएफ ने बेस्ट मार्चिंग दल की ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। इससे पहले वर्ष 2020 की गणतंत्र दिवस में सीआईएसएफ को बेस्ट मार्चिंग दस्ते का पहला पुरस्कार मिला था।
9 केंद्रीय मंत्रालयों की झांकी में शिक्षा मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकियों में जबरदस्त मुकाबला हुआ। दोनों मंत्रालयों की झांकी को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान मिला। शिक्षा मंत्रालय ने अपनी झांकी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान उड़े देश का आम नागरिक को दर्शाया। विशेष पुरस्कार आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय सीपीडब्ल्यूडी को दिया गया। सीपीडब्ल्यूडी की झांकी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज के योद्धाओं को दर्शाया गया। फूलों से सजी इस झांकी के किनारों पर आजादी का अमृत महोत्सव लिखा था। झांकी के सामने के हिस्से में सलाम करने की मुद्रा में बोस की आक्षय प्रतिमा लगी हुई थी। वही आजाद हिंद फौज के नायकों को पुरानी तस्वीरों के माध्यम से एक कियोस्क पर प्रदर्शित किया गया था। झांकी के बीच में कुछ सैनिक राष्ट्रीय ध्वज थामे नजर आए।