नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संविधान दिवस पर राजनीति में परिवारवाद और पारिवारिक दलो पर निशान साधते हुए कहा कि लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालो के लिए पारिवारिक पार्टियां चिंता का विषय है। वे संसद के केंद्रीय पक्ष में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग के आने से पार्टी परिवारवादी नहीं बनती है, लेकिन पीढ़ी दर पीढ़ी जब एक परिवार के कंट्रोल में कोई पार्टी रहती है, तब परिवारवाद जरूर है। उनका इशारा कांग्रेस की ओर था।
मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगो के लिए चिंता का विषय है। राजनीतिक दल स्वयं अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो रहे है, तो संविधान पर चोट पहुंची है। ऐसे में संविधान की रक्षा कैसे हो सकती है। उन्हांेंने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदाेलन मंे शामिल लोगो को अधिकारो के लिए लड़ते हुए कर्तव्यो के लिए तैयार रहने की कोशिश की। हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य पथ पर आगे बढ़े ताकि अधिकारो की रक्षा हो सके।
मोदी ने कहा कि हमारा संविधान सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन किया जाता रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में शामिल लोगों को अधिकारों के लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि यह अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता । आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो सके।