रांची । जैन धर्मावलंबियों के विश्व प्रसिद्ध श्री सम्मेद शिखरजी पारसनाथ मामले पर केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा पर्यटन स्थल पर रोक लगाने पर रांची जिला मारवाड़ी सम्मेलन, मारवाड़ी सहायक समिति, अग्रवाल सभा के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने हर्ष व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के प्रति आभार जताया है। जैन समाज सहित समस्त देशवासियों को इस सफलता की बधाई दी है।
सदस्यों ने उम्मीद जताई कि केंद्र एवं राज्य सरकार की इस पहल से पारसनाथ श्री सम्मेद शिखर की पवित्रता कायम रखने का रास्ता खुलेगा। प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा कि जैन धर्मावलंबियों के विश्व प्रसिद्ध पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन को पर्यटन स्थल घोषित करने से दुनियाभर स्थित जैन समाज एवं मारवाड़ी समाज आहत थे। सरकार ने जैन धर्मावलंबियों का भावना का सम्मान करते हुए पारस स्थित जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाकर इसे पवित्रता को बनाए रखने, एवं जैन तीर्थ स्थल के रूप में घोषित कर सराहनीय कार्य किया है।
सरकार का प्रयास होना चाहिए की सम्मेद शिखर जी की पवित्रता आगे भी इसी तरह बनी रहे। पारसनाथ में जैन समाज के 24 तीर्थकरो में से 20 तीर्थकरो ने इस पर्वत पर तपस्या कर मोक्ष प्राप्त की है। सबके प्रयासों से विश्व विख्यात तीर्थ सम्मेद शिखर जी की पवित्रता सदैव बनी रहेगी। सरकार की इस सराहनीय कदम से पूरे समाज में खुशी की लहर है।
हर्ष व्यक्त करने वालों में-रांची जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल, महामंत्री ललित कुमार पोद्दार, मारवाड़ी सहायक समिति के अध्यक्ष- अशोक नारसरिया, सचिव- कौशल राजगढ़िया, अग्रवाल सभा के- अध्यक्ष नंदकिशोर पाटोदिया, मंत्री- मनोज चौधरी, सज्जन पाड़िया, सुरेश जैन, प्रमोद अग्रवाल, पवन पोद्दार, विनोद जैन, रतन मोर, कमल जैन, अरुण बुधिया, अनिल अग्रवाल, राम बांगड़, प्रेम मित्तल, सुनील केडिया, भरत बगड़िया, कमल खेतावत, विजय कुमार खोवाल, नरेश बंका, किशन अग्रवाल, राजकुमार मित्तल, अजय डीडवानिया, अजय बजाज, मंजीत जाजोदिया, अशोक लाठ, रमन बोड़ा, राजेश कौशिक, राजेश भरतिया, रमाशंकर बगड़िया, मनीष लोधा, संजय सराफ,आकाश अग्रवाल, ललित पोद्दार, अजय खेतान, आदि शामिल है।
सम्मेद शिखरजी को यथावत तीर्थ स्थल रखने की केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत: विहिप
विश्व हिंदू परिषद, झारखंड प्रांत मंत्री डॉ.बिरेन्द्र साहु ने कहा झारखंड का हिमालय माने जाने वाला पारसनाथ पर्वत जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी है। यहां जैन धर्मावलंबियों के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की है। 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी इस पुण्य भूमि पर निर्वाण प्राप्त किया था। ऐसे पावन सम्मेद शिखरजी को केंद्र सरकार के द्वारा अधिसूचना में बदलाव करके समाज में व्याप्त श्रद्धा, विश्वास एवं तीर्थ की महत्ता को सम्मान दिया है। इस निर्णय का विश्व हिंदू परिषद, झारखंड प्रांत स्वागत करता है।
डॉ साहू ने कहा सम्मेद शिखरजी पर्वत संपूर्ण विश्व के जैन समुदायों के लिए पूजनीय एवं पवित्र स्थल है। भारत सरकार ने जैन समुदाय के साथ-साथ पूरे सनातन समाज के लिए तीर्थ स्थल की पवित्रता एवं महत्व को स्वीकार कर विश्व पटल में अपनी प्रतिबद्धता का एक नया अध्याय लिखा है।
डॉ साहू ने झारखंड सरकार से कहा कि पारसनाथ पर्वत क्षेत्र सहित झारखंड के सभी तीर्थ स्थलों पर शराब / नशा की वस्तुएं एवं मांसाहारी खाद्य वस्तुओं के विक्रय एवं उपयोग पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू कर तीर्थ स्थल की मर्यादा को बनाए रखें। तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल बनाना सनातन हिंदू समाज को स्वीकार नहीं।