रांची: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने शिक्षकों, विभिन्न शिक्षक संघ के प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधियों की स्थानांतरण नियमावली में संशोधन की मांग मानते हुए इसपर पहल करते हुए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव को 5 सितंबर को पत्र लिखकर नियमावली में कई सुझाव को शामिल करने का निर्देश दिया है। शिक्षा मंत्री ने अपने निर्देश में कहा है कि राज्य के सरकारी, प्राथमिक, उच्च माध्यमिक और शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए एक संशोधित स्थानांतरण नियमावली राज्य सरकार ने 6 अगस्त, 2019 को निर्गत किया है। शिक्षक, विभिन्न शिक्षक संघ के प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से इसमें आवश्यक संशोधन की मांग की जाती रही है। ऐसी स्थिति में उक्त नियमावली में सुझावों के साथ प्रस्ताव कर संचिका उपस्थापित की जाए।
इन सुझावों को शामिल करने का निर्देश
झारखंड से अलग दूसरे राज्यों में अनारक्षित कोटि में वर्षों से नियुक्त शिक्षक को अपने घर के निकट का जिला अथवा किसी 3 विकल्प के एक-में स्थानांतरण संबंधी प्रावधान जोड़ा जाए, ताकि शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण हो सके।
नवनियुक्त प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च विद्यालयाें के शिक्षक, जो दूसरे जिलों में पदस्थापित है को गृह जिला स्थानांतरण/पदस्थापन की सुविधा।
गृह जिला (यथा सेवा पुस्तिका में अंकित) में।
महिला की स्थिति में पति के पदस्थापन/पति का गृह जिला।
अन्य राज्यों के शिक्षकों को उनकी स्वेच्छा के अनुसार रिक्ति की स्थिति में 3 जिले का विकल्प मांग कर स्थानांतरण पर विचार।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक/माध्यमिक शिक्षा निदेशक को अंतर जिला स्थानांतरण पर निर्णय लेने के लिए पूर्व नियमावली की भांति अधिकार (वर्तमान में विकास आयुक्त को अंतर जिला स्थानांतरण अधिकार है)।
पति-पत्नी की स्थिति में उनके पदस्थापन के जिला, जिसमें वे विकल्प देते है ( वन टाइम )यदि दोनों सरकारी कर्मी हों तो)।
विकलांग शिक्षकों को पूर्व की भाति स्थानांतरण में सुविधा (विकल्प के आधार पर यथासंभव घर के समीप)।