रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव को बुधवार को समन भेजा है। ईडी ने उन्हें 23 जनवरी को रांची जोनल ऑफिस में उपस्थित होने को कहा है। यह समन एक हजार करोड़ के अवैध खनन के मामले में भेजा गया है। इसके अलावा पंकज मिश्रा और बच्चू यादव पर ईडी ने नया केस (ईसीआईआर) दर्ज किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी उनसे पूछताछ करेगा कि डीसी के रूप में उन्हें जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की जानकारी थी या नहीं। अवैध पत्थर खनन, परिवहन और रायल्टी चोरी को रोकने के लिए उन्होंने क्या किया। ओवरलोडिंग के कारण गंगा नदी में पिछले वर्ष 24-25 मार्च की रात हुए हादसे को लेकर चौकाने वाले तथ्य सामने आए थे। एक ही हादसे पर साहिबगंज के डीसी और कटिहार के डीएम ने अलग अलग रिपोर्ट तैयार की थी।
साहिबगंज के डीसी ने हादसे से जुड़ी रिपोर्ट में बताया था कि साहिबगंज के समदा घाट से 24 मार्च की दोपहर चिप्स और बोल्डर से लदी ट्रकों को जलयान के जरिए कटिहार के मनिहारी लिए रवाना किया गया था लेकिन रास्ते में जलयान खराब हो गया था। इस कारण रात में हादसा हुआ था। हालांकि, कटिहार के डीएम ने घटना के संबंध में जो रिपोर्ट दी थी उसके अनुसार साहिबगंज के समदा घाट से रात में जलयान निकला था। दोनों के रिपोर्ट में इतना अंतर क्यों आया इसे लेकर भी ईडी साहिबगंज डीसी से सवाल-जवाब करेगी।
ईडी ने पिछले वर्ष 18 नवम्बर को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन और परिवहन के बारे में पूछताछ की थी। हेमंत सोरेन जो खनन मंत्री भी हैं, उनसे ईडी ने विशेष रूप से पंकज मिश्रा और दाहू यादव के बारे में पूछा था जो अवैध पत्थर खनन के मुख्य आरोपित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्हें अवैध खनन में पंकज मिश्रा की संलिप्तता के बारे में जानकारी नहीं थी और उन्होंने कभी भी साहिबगंज जिला प्रशासन और पुलिस को अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं रोका।
सीएम ने उचित कार्रवाई करने के लिए साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव पर जिम्मेदारी तय की और कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अधिकारियों को कार्रवाई करने से कभी नहीं रोका। मुख्यमंत्री से पूछताछ के बाद ही यह बात सामने आयी थी कि ईडी वहां के अधिकारियों को समन करेगी। सूत्रों ने बताया कि जल्द ही साहिबगंज एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा से भी मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया जा सकता है। साहिबगंज डीसी के रूप में रामनिवास यादव की पोस्टिंग 2020 में हुई थी। इसके बाद वहां भारी पैमाने पर अवैध खनन हुआ है। ईडी ने भी खुलासा किया है कि बीते दो ढाई सालों में साहिबगंज में अवैध खनन के जरिए 100 करोड़ की अवैध कमाई की गई।