Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन के ठिकानों पर गुरुवार सुबह से छापेमारी कर रही है यह छापेमारी आईएएस अधिकारी छवि रंजन की पत्नी लवली के जमशेदपुर आवास पर भी चल रही है। इसके अलावा कई अंचलाधिकारी समेत कुल 22 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। जानकारी के अनुसार नामकुम सीओ विनोद प्रजापति और हिंदपीढ़ी निवासी जमीन कारोबारी अशरफ खान के ठिकानों पर भी ईडी की रेड चल रही है। साथ ही बड़गाई अंचल के सीआई भानू प्रताप के सिमडेगा स्थित पैतृक आवास पर भी ईडी की टीम छापेमारी कर रही है। भानू प्रसाद का पैतृक आवास सिमडेगा बस स्टैंड के समीप झूलन सिंह चौक पर स्थित है। घर के बाहर सीआरपीएफ की टीम भी मौजूद है।
रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन वर्तमान में समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर पदस्थापित हैं। सूत्रों ने बताया कि रांची, जमशेदपुर, सिमडेगा, हजारीबाग, कोलकाता, बिहार के गोपालगंज में ईडी की टीम ने एक साथ दबिश दी है। इसके अलावा रांची के हिंदपीढ़ी में कुछ जमीन कारोबारियों के यहां भी टीम पहुंची है।
हलांकि अभी तक ईडी ने यह स्पष्ट नही किया है कि अब तक छवि रंजन के यहां से क्या क्या दस्तावेज और सामग्री मिली है परन्तु अपुष्ट खबर से पता चला है कि भारी संख्या में दस्तावेज और कुछ रकम मिली है, जांच अभी जारी है। छवि रंजन पर रांची में उपायुक्त के पद पर रहते हुए कई गंभीर आरोप लगे थे । जिसमे भूमि घोटाला भी था । उनपर राइफल के लाईसेंस देने के नाम पर लाखों रूपये लेने पर जोरदार हंगामा मचा था ।भूमि घोटाला सामने आने पर उन्हे स्थानांतरित कर दिया गया था,उन्हे सरकार का खुला संरक्षण प्रदान की चर्चा जोरदार पर थी।मालूम हो कि आईएएस छवि रंजन वर्तमान में समाज कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर पदस्थापित हैं।
सेना के कब्जे वाली जमीन बेचने के मामले में हो रही छापेमारी
जानकारी के मुताबिक, ईडी की टीम गुरुवार की सुबह आईएएस छवि रंजन समेत कई अन्य लोगों के ठिकाने पर पहुंचकर छापेमारी कर रही है। बताया जा रहा है कि रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में ईडी यह कार्रवाई कर रही है। इससे पहले ईडी ने बीते पांच नवंबर 2022 को कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल व एक अन्य व्यवसायी विष्णु अग्रवाल, खरीद-बिक्री में शामिल प्रदीप बागची, दिलीप घोष व दो रजिस्ट्रार से जुड़े दो दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी।
फर्जीवाड़ा का खुलासा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में पहले ही हो चुका है
जहां तक बात सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री का है तो इसमें फर्जीवाड़ा का खुलासा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में पहले ही हो चुका है। उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि प्रदीप बागची नाम के व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी । जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिस होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे। इसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
रांची नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर जून में प्रदीप बागची के विरुद्ध जालसाजी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था ।आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाली जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था। ईडी ने इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था। ईडी की छापेमारी शुरू होते ही छवि रंजन के बिशेष कृपापात्र लोगो के मोबाईल स्वीच बताना शुरू कर दिया है। सूत्र का कहना है कि उनके पास रांची मे कई चल अचल सम्पत्ति है जो फर्जी नामो से लिए गये है।