आरोप है कि कारोबारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर व्यापारिक प्रतिष्ठान बनाए और इनपुट टैक्स क्रेडिट का अनुचित लाभ लिया

Ranchi News: करीब 800 करोड़ के जीएसटी घोटाले में ईडी की टीमों ने गुरुवार को झारखंड और बंगाल में नौ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की है। प्रदेश में रांची के तीन और जमशेदपुर में एक स्थान पर दबिश दी गई है। ईडी ने इस छापेमारी मे सभी ठिकानों पर छापेमारी में सुरक्षा के मद्देनजर अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, दोनों राज्यों के कारोबारियों ने कुल 14,325 करोड़ रुपए के फर्जी जीएसटी इनवॉइस बनाकर लगभग 850 करोड़ रुपए से ज्यादा के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लिया था। जिन कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, उनमें शिवकुमार देवरा, सुमित गुप्ता, अमित गुप्ता एवं अन्य शामिल हैं। ईडी ने बंगाल में इस घोटाले में पहले भी छापेमारी की थी, जबकि झारखंड में इसे लेकर पहली बार कार्रवाई की जा रही है।
आरोप है कि कारोबारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर व्यापारिक प्रतिष्ठान बनाए और इनपुट टैक्स क्रेडिट का अनुचित लाभ लिया। बाद में इन फर्जी प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के इसी साल जनवरी महीने में जीएसटी निदेशालय की अन्वेषण टीम ने 100 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी घोटाले में रामगढ़ के सारूबडेड़ा और धनबाद के झरिया में छापेमारी की थी। इसी तरह जमशेदपुर और आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी आठ ठिकानों पर जीएसटी की टीम ने छापेमारी कर 150 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया था।
फर्जी जीएसटी इनवॉइस जारी कर घोटाले के इस मामले में जमशेदपुर के जुगसलाई स्थित खाटू श्याम स्टील, जैसुका आयरन एंड पावर, बाबा श्याम स्टील, श्री स्टील, विवान इंटरप्राइजेज, एनएच-33 स्थित रिवाह रिसॉर्ट और आदित्यपुर स्थित मातेश्वरी इंजीनियरिंग सहित कई अन्य कंपनियां ईडी जांच के रडार पर हैं। फिलहाल इस मामले में जांच एजेंसी की ओर से आधिकारिक तौर पर अब तक कोई जानकारी साझा नहीं किया गया है।सभी स्थानों पर छापेमारी जारी है।
बताया जा रहा है कि जीएसटी घोटाले का मास्टर माइंड झारखंड और पश्चिम बंगाल का है। घोटाले में शामिल व्यापारियों ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर व्यापारिक प्रतिष्ठान बनाया। इसके बाद आईटीसी का अनुचित लाभ लिया और अपने-अपने फर्जी प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया। झारखंड ईडी की ओर से जीएसटी घोटाले को पीएमएलए के दायरे में लाकर छापा मारने की यह पहली घटना है।