Dumka : कोल डंपिंग का काम करने वाली बीजीआर कंपनी ने सारे नियमों पर ताक पर रख वन विभाग की अनुमति के बगैर डंपिंग यार्ड के लिए कुरुवा की समीप करीब पांच सौ छोटे बड़े पौधे कटवा दिए। यह सारा खेल रात के अंधेरे में हुआ है। अब वन विभाग मामले की जांच कर रहा है। जांच के बाद कंपनी और रेलवे दोनों पर केस कराया जाएगा।
क्या है पूरा मामला
दुमका रेलवे स्टेशन से सटे कुरुवा के समीप हावड़ा रेल डिवीजन की अपनी जमीन है। एक माह पहले हावड़ा और आसनसोल के डीआरएम ने स्थल निरीक्षण कर यहां पर कोल डंपिंग के लिए यार्ड बनाने की बात कही थी। रेलवे से अनुमति मिलने के बाद कोल डंपिंग करने वाली बीजीआर कंपनी को काम कराने का निर्देश मिला। कंपनी ने वन विभाग की अनुमति लिए बिना ही तीन दिन के अंदर रातों में आदमी लगाकर छोटे बड़े करीब पांच सौ पेड़ पौधे कटवा दिए। कंपनी ने इसकी परवाह नहीं करते हुए यार्ड के लिए सारे पेड़ों को कटवा दिया।
दो दिन से वन विभाग कर रहा जांच
रविवार को पेड़ काटने की जानकारी जैसे ही डीएफओ को मिली तो पूरी टीम के साथ जांच करने के लिए पहुंच गए। कटे हुए पेड़ों की तस्वीर और वीडियो ग्राफी कराई। प्रथम जांच में यह सामने आया है कि कोल कंपनी व रेलवे ने विभाग से किसी तरह की अनुमति नहीं ली थी। विभाग को जानकारी दिए बगैर कुछ ग्रामीणों की मदद लेकर पेड़ों को कटवा दिया। सोमवार को भी वन विभाग की टीम ने स्थल की जांच की।
दुमका डीएफओ सात्विक ने बताया कि कोयला कंपनी ने विभाग की अनुमति के बिना करीब पांच सौ पेड़ पौधे काटे हैं। इसमें ग्रामीणों का भी हाथ है। मामले की जांच चल रही है। कोयला कंपनी पर ओसीआर केस किया जाएगा। रेलवे की भूमिका की जांच चल रही है। अगर वह भी दोषी साबित हुआ तो उस पर भी मामला दर्ज कराया जाएगा।