पटना।
मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में हस्ताक्षर बन चुकी दुलारी देवी को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। यह सूचना गृह मंत्रालय द्वारा दी गई है। गांव की परिवेश में पाली बड़ी दुलारी देवी ने अनपढ़ होते हुए भी मिथिला पेंटिंग को एक विशेष पहचान दिलाई है। अपने संघर्ष के बूते इस कला में पहचान बनाने वाली दुलारी बिहार के मधुबनी जिले के राजनगर प्रखंड के रांटी गांव की रहने वाली है। उन्होंने अब तक आठ हजार मिथिला पेंटिंग विविध विषयों पर बना चुकी है। दुलारी को यह मुकाम काफी संघर्ष के बाद हासिल हुई है। 54 वर्षीय दुलारी देवी के इन संघर्षों से समाज को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अत्यंत निर्धन मल्लाह परिवार में जन्मे दुलारी की 12 साल की उम्र में शादी हो गई थी। 7 साल ससुराल में रहने के दौरान अपने छह माह की बेटी की मौत व बाद में मायके आकर अपने पिता मुसहर मुखिया के साथ रहने के दौरान ही उसकी मिथिला पेंटिंग की यात्रा शुरू हुई। खाली समय में दुलारी मिथिला पेंटिंग सीखने लगी। लकड़ी की खुशियों से कल्पनाओं में रंग भरने लगी और धीरे-धीरे इस कला में महारत हासिल कर ली। दुलारी की इस कला को लेकर उसे पहली बार 1999 में ललित कला अकादमी से सम्मानित किया गया। इसके बाद वर्ष 2012- 13 में उसे राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विविध विषयों पर 8000 मिथिला पेंटिंग बना चुकी है दुलारी
दुलारी देवी मिथिला पेंटिंग्स में तकरीबन 8,000 कलाकृतियां अब तक बना चुकी है। उसे इस कला में महारत हासिल करने को लेकर वर्ष 2012- 13 मई राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। गीता वुल्फ की पुस्तक फॉलोइंग माई पेंट ब्रश और मार्टिन लि कॉज की फ्रेंच में लिखी पुस्तक मिथिला में दुलारी की जीवन गाथा और कलाकृतियों को स्थान मिला है। इसके अलावा सतरंगी नामक किताब में भी इनकी पेंटिंग को जगह मिली है। इग्नू के लिए मैथिल में तैयार किए गए आधार पाठ्यक्रम के मुखपृष्ठ के लिए दुलारी की पेंटिंग चुनी गई। मिथिला पेंटिंग में विशेष योग्यता को लेकर पटना में बिहार संग्रहालय के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुलारी देवी को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। दुलारी की बनाई गई पेंटिंग को कमला नदी की पूजा के अलावा देश के कई स्थानों की दीवारों पर स्थान मिला है।
मिथिला पेंटिंग में विशेष पहचान बनाने वाले दुलारी देवी मुश्किल से अपनी नाम लिख पाती है
मिथिला पेंटिंग में विशेष पहचान बनाने वाले दुलारी देवी मुश्किल से अपनी नाम लिख पाती है। मगर उनका नाम देश दुनिया में काफी विख्यात हो चुका है। साथ ही उन्हें लोगों द्वारा विशेष सम्मान दिया जा रहा है। अक्सर पत्र-पत्रिकाओं की सुर्खियां बनने वाली दुलारी देवी के लाखों प्रशंसक हैं। उनके प्रशंसकों में राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सहित कई बड़ी हस्तियां शामिल है।