मोतिहारी। सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-16 रिया भार्गव की अदालत ने शनिवार को दहेज हत्या के आरोपित पति एवं सास को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई है। सजा पाने वालो में पति आलोक कुमार एवं सास रामकी देवी के नाम शामिल है। ज्ञात हो कि वर्ष 2019 में 26 जुलाई को विवाहिता प्रेमा देवी की हत्या अतिरिक्त दहेज के लिए हुआ था।
मामले में मृतका के पिता मलाही थाना के ही तेजपुरवा पांडेयटोला निवासी सुदीश पांडेय ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अपने दामाद आलोक कुमार , समधी नागेंद्र मिश्र व समधीन रामकी देवी सहित दस को आरोपित किया था। दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि 8 मार्च 2019 को उसने अपनी पुत्री प्रेमा देवी की शादी घर से महज तीन किलोमीटर दूर मलाही बाबूटोला निवासी अलोक कुमार के साथ अपनी औकात के अनुसार किया था।
शादी के बाद से ही नामजद लोग दहेज में चारपहिया वाहन स्कारपियो की मांग करने लगे। मांग पूरा नहीं करने पर वे लोग उसकी पुत्री को प्रताड़ित करते थे। उसकी पुत्री ने फोन से अपने भाई को कही थी कि उसके ससुराल वाले उसकी हत्या करने की साजिश कर रहे है।
शादी के महज चार माह बाद 29 जुलाई 2019 की संध्या 5.30 बजे सूचना मिली कि उसके पुत्री प्रेमा की गला दबाकर हत्या उसके ससुराल वालों ने कर दी है। इसकी सूचना उसने पुलिस को दी तथा अपने पुत्री के ससुराल गया। जहां उसकी पुत्री की शव पड़ी हुई थी तथा परिजन फरार थे।
पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतिका के पति व सास को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पुलिस ने आलोक व रामकी देवी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया तथा नागेंद्र मिश्र सहित अन्य के विरुद्ध अनुसंघान जारी रखा। सत्रवाद संख्या-698/2019 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक ईश्वरचंद्र दूबे व सहायत अधिवक्ता कुंज रमण मिश्र,प्रदीप वर्मा व अनिल सिंह ने बारह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। वहीं बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता कन्हैया सिंह ने अपनी दलीलें रखी थी। न्यायाधीश ने धारा 304 बी, 120 बी भादवि में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाये।