रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड में जिला खनिज फाउंडेशन न्यास (डीएमएफटी) के अंतर्गत पर्याप्त राशि होने के बावजूद जनता परेशान है। राज्यसभा में सोमवार को डीएमएफटी बजट के उपयोग में संसद सदस्यों की भूमिका बढ़ाने तथा झारखंड में डीएमएफटी निधियों के उपयोग की स्थिति, ब्योरा एवं अनुमानित व्यय की जानकारी मांगी थी। इसके उत्तर में केंद्रीय खान, कोयला और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि झारखंड में अक्टूबर 2022 तक 10682.99 करोड़ रुपये डीएमएफटी फंड का संग्रह हुआ है। व्यय राशि 5753.85 करोड़ रुपये है। मतलब अब तक इस फंड से 53 प्रतिशत राशि खर्च हुई है।
दीपक प्रकाश ने इस पर कहा कि इस फंड का उपयोग जिलों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए आवश्यकतानुसार किए जाने का प्रावधान है। पर जो सूचनाएं मिलती हैं, मीडिया में खबरें छपती हैं, उससे स्पष्ट है कि पैसे खजाने में पड़े हैं लेकिन जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है।
केंद्रीय मंत्री के उत्तर के हवाले से दीपक प्रकाश ने बताया कि खान और खनिज (विकास और विनिमयन) संशोधन अधिनियम 2021, जो 28 मार्च 2021 को लागू हुआ है, के तहत केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को डीएमएफ की शासी परिषद में सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों को शामिल करने का आदेश 23 अप्रैल 2021 को ही किया है। इसके अनुसार जिले का प्रशासनिक पदाधिकारी डीएमएफ का अध्यक्ष और खनन क्षेत्र प्रभावित जिले के निर्वाचित सांसद, विधायक और विधान पार्षद उसके सदस्य होंगे। राज्य सभा के सांसद अपने द्वारा चुने गए एक जिला के शासी परिषद के सदस्य होंगे जबकि एक से अधिक जिलों में पड़ने वाले निर्वाचन क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एक से अधिक जिलों के शासी परिषद में सदस्य होंगे।