रांची। सरना धर्म कोड की मांग को गति देने को लेकर सरना स्थल हरमू में राष्ट्रीय आदिवासी समाज के धर्म रक्षा अभियान के तहत समस्त अनुषांगिक संगठनो की बैठक बुधवार को संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता शिक्षाविद डा. करमा उरांव एवं संचालन रवि तिग्गा ने की। बैठक में पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव में 11-12 नवंबर को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर महाधरना एवं देश के समस्त राज्यो के जन जातियों का प्रतिनिधि सभा के आयोजन का निर्णय लिया गया।
दोनों कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न राज्यों एवं नेपाल देश से हजारों की संख्या में सरना धर्मावलंबी भाग लेंगे। इसके साथ देश के आदिवासी समुदाय के लोकसभा के सदस्यगण और केंद्र सरकार के मंत्री आदि को भी उक्त कार्यक्रम में भाग लेने हेतु निवेदित किया गया है। उक्त कार्यक्रम में विशेषकर झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार, असम, यूपी, दिल्ली सहित 21 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, जनजातीय मामलों के मंत्री एवं जनगणना आयोग के रजिस्ट्रार जनरल आदि से प्रतिनिधिमंडल के रूप में मिलने तथा सरना धर्म कोड की मांग संबंधी स्मार पत्र समर्पण की योजना है।
उक्त कार्यक्रम को व्यवस्थित करने हेतु अभियान के तीन सदस्यीय टीम 20 अक्टूबर 2022 को दिल्ली रवाना होगी। जिसमें नारायण उरांव, संगम उरांव एवं प्रभात तिर्की शामिल हैं। यह टीम दिल्ली में आवासन की व्यवस्था एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आवश्यक प्रक्रिया को पूर्ण करने हेतु टीम को अधिकृत किया गया है।
बैठक में रेणु तिर्की, प्रदीप तिर्की, रवि तिग्गा, शिवा कच्छप, महादेव मुंडा, बिरसा पाहन, सुखराम पाहन , संगम उरांव, अनिल उरांव, नारायण उरांव, सोमा मुंडा ,रोहित उरांव, दीपक तिग्गा, सुधीर उरांव, हेमंत गाड़ी, विशाल तिग्गा, पंकज टोप्पो, तानसेन गाड़ी, चम्पा कुजूर चामू बेक आदि उपस्थित थे।