Deoghar: देवघर और बिहार के बांका जिले की सीमा पर स्थित दुम्मा में विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक राजकीय श्रावणी मेला का मंत्रोच्चारण के साथ सोमवार को शुभारंभ हो गया। सूबे के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख ने मेले का उद्घाटन किया। इसके साथ ही दो महीने के लिए बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन पर पूरी तरह से रोक लग गयी है। मंगलवार से श्रावण मास शुरू हो रहा है। श्रावण मास में भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए देवघर आते हैं।
मंदिर में पूजा-अर्चना कर झारखंड के खुशहाली की कामना की गई
मेला का विधि-विधान पूर्वक शुभारंभ कराने के लिए 11 वैदिक पुरोहितों द्वारा बाबा बैद्यनाथ की पूजा की गई। मंदिर में पूजा-अर्चना कर झारखंड के खुशहाली की कामना की गई। इसके साथ ही मंत्री बादल पत्रलेख ने बाबा वैद्यनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश मार्ग और निकास, सुरक्षा व्यवस्था, पूजा-अर्चना करने की व्यवस्था सहित अन्य स्थिति का भी जायजा लिया। उन्होंने देवघर जिला प्रशासन और सुरक्षा में तैनात अधिकारियों को हरेक दिन की व्यवस्था पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए।
मंत्री बादल पत्रलेख ने मेला का उद्घाटन करने के बाद कहा कि श्रावण मास में देवघर एवं बासुकीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं का विशेष ध्यान रखा जायेगा। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में हम सभी मिलकर बाबा के भक्तों का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा कि देवघर अपने भव्य स्वरूप के साथ बाबाधाम आने वाले सभी कांवरियों के अभिनंदन के लिए तैयार है। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को और भव्य बनाने के लिए सरकार काम कर रही है। इस साल ज्यादा भक्तों के आने की संभावना है। उसी के अनुरूप प्रशासन की तैयारी भी होनी चाहिए।
श्रद्धालुओं को मिले बेहतर सुविधा : नारायण दास
विधायक नारायण दास ने कहा कि राजकीय श्रावणी मेला में बाबाधाम आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिले, ऐसी व्यवस्था करनी होगी। कार्यक्रम को पर्यटन मंत्री के प्रतिनिधि संजय शर्मा, बीस सूत्री उपाध्यक्ष मुन्नम संजय, पूर्व मंत्री सुरेश पासवान एवं धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष जयशंकर पाठक ने भी संबोधित किया।
कांवरिया पथ पर बिछाया गंगा का बालू : उपायुक्त
उपायुक्त ने बताया कि कांवरिया पथ पर गंगा नदी की बालू बिछाई गई है, ताकि श्रद्धालुओं को चलने में असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि प्रशासन सुनिश्चित करेगा कि भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। यही वजह है कि श्रावणी मेला के दौरान वीआईपी, वीवीआईपी एवं आउट ऑफ टर्न दर्शन को पूर्णरूप से बंद कर दिया गया है।
इस वर्ष मलमास को लेकर दो महीने तक सावन होगा
इस वर्ष मलमास को लेकर दो महीने तक सावन होगा। इस दौरान दो बार 15-15 दिनों के लिए मेले का आयोजन किया गया है। हालांकि बीच में पड़ने वाले मलमास के महीने में मेला का आयोजन नहीं होगा। इसकी तैयारी जिला प्रशासन ने पूरी कर ली है। सोमवार को गुरु पूर्णिमा होने के कारण मंदिर प्रांगण में भी कांवरियों की खूब भीड़ दिखी। पूजा-अर्चना के लिए मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से पटा हुआ था। कांवरिया पथ पर भी कांवरियों का पहुंचना शुरू हो चुका है। भारी बारिश के बाद भी लगी लंबी कतार देखने को मिल रही है। कुल मिलाकर अब बाबा नगरी बोलबम के नारों से गुंजायमान हो रही है। इस बार बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा को बंद करवाकर जलार्पण के लिए अरघा की व्यवस्था की गई है। सोमवार को स्पर्श पूजा का अंतिम दिन है।