.दो किसान संगठनों ने आंदोलन से अलग होने की की घोषणा
नई दिल्ली।
ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किला सहित अन्य जगहों पर किए गए उत्पात में शामिल 93 आरोपितों को दिल्ली पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया है जबकि 200 लोगों को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को ही घटना को लेकर अब तक 22 एफ आई आर दर्ज की है। जिसमें राकेश टिकैट सहित 25 किसान नेता को भी नामजद किया गया है। पूरे मामले की जांच पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी।
इधर शर्मनाक घटना के बाद किसान आंदोलन में फूट पड़ती नजर आई है। 2 किसान संगठनों ने किसान आंदोलन से अलग होने की घोषणा की है। मालूम हो कि 37 शर्तों के साथ किसान नेताओं को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दिल्ली पुलिस ने दी थी। पर तय शर्तों की धज्जियां उड़ाते हुए उपद्रवियों ने दिल्ली के कई इलाकों में उत्पात मचाया जिसमें 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए, इसमें दो की हालत गंभीर है। किसानों ने बैरिकेड, गाड़ियां और सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया।
लाल किले से सामान लूट ले गए और वहां एक धर्म विशेष का झंडा भी फहराया। घटना के दूसरे दिन एक्शन में आई दिल्ली पुलिस सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल रही है। आरटीओ, लाल किला और जामा मस्जिद के इलाके में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। जामा मस्जिद और लाल किला मेट्रो स्टेशन बंद कर दिया गया है। जगह-जगह अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
घटना के बाद 2 किसान संगठनों भारतीय किसान यूनियन (भानु) तथा किसान मजदूर संगठन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आंदोलन से अलग होने की घोषणा की है। चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हिंसा का मंजर दुख पहुंचाने वाला है। घटना के बाद प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा करते हैं । वही किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष बीएन सिंह ने गाजीपुर बॉर्डर पर कहा कि दिल्ली की हिंसा राकेश टिकैत की उग्र सोच का नतीजा है। उन्होंने भी आंदोलन से अलग होने की घोषणा की है।