गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले के दोषी अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गयी है। एटीएस, एनआईए स्पेशल कोर्ट, लखनऊ ने अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को एटीएस के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण पांडेय ने यह सजा सुनाई। अहमद मुर्तजा यूएपीए, देश के खिलाफ जंग छेड़ने, जानलेवा हमले में दोषी पाया गया था। उसके खिलाफ चल रहे मामले में नौ महीने में सुनवाई पूरी होने के बाद यह सजा सुनाई गई है।
गोरखनाथ थाने में 4 अप्रैल 2022 को यह मामला दर्ज हुआ था, फिर इस मामले में एटीएस ने जांच कर चार्जशीट लगाई थी। गोरखनाथ मंदिर हमले की घटना में रिकार्ड 60 दिनों की न्यायिक जांच में अहमद मुर्तजा अब्बासी को एनआईए कोर्ट ने आईपीसी की धारा 121 में मौत की सजा और 307 आईपीसी में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट में सरकार के खर्च पर मुर्तजा को वकील दिया गया था, जबकि अभियोजन की ओर से वादी विनय कुमार मिश्रा, घायल पीएसी जवान अनिल कुमार पासवान, गोपाल गौड़ के अलावा डाक्टर और अन्य समेत 27 गवाह पेश किए गए। उधर, आरोपी खुद को मानसिक बीमार बताता रहा, लेकिन इस संबंध में कोई सबूत न होने के कारण कोर्ट ने उसे दोषी ठहरा दिया।
ज्ञातव्य हो कि इस मामले की जांच करते हुए एनआईए को पता चला था कि गोरखनाथ मंदिर का हमलावर नेपाल भी गया था और पुलिस को उसके पास से कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले थे। बता दें कि गोरखनाथ पीठ में अहमद मुर्तजा अब्बास ने हथियार लहराया था और इस घटना के बाद प्रशासनिक अमला से लगायत सामान्यजन तक में हड़कंप मच गया था। इतना ही नहीं, आरोपी ने पुलिस वालों पर भी हमला किया था और उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया था। इतना ही नहीं, उसने मंदिर के पास मौजूद लोगों को हथियार से डराने की कोशिश भी की थी। अहमद मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में तैनात उत्तर प्रदेश प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी के जवानों पर हमला किया था, हलांकि केमिकल इंजीनियर अहमद मुर्तजा अब्बासी को कुछ देर पीछा करने के बाद गिरफ्तार करने में सफलता मिल गयी थी।
सजा के एलान के बाद एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत मौत की सजा दी गई थी। आरोपी को पुलिसकर्मी पर हमला करने के आरोप में धारा 307 के तहत आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई है।