रांची। सीआईडी के साइबर थाना पुलिस ने एक साइबर अपराधी को बिहार के इलाके से गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। गिरफ्तार साइबर अपराधी की पहचान मोतिहारी के बंजरिया थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद अख्तर अंसारी के रुप में की गई है। उस पर अलग अलग तरीको से दो लोगो से 15.96 लाख रूपए की ठगी का आरोप है। गिरफ्तार साइबर अपराधी मोहम्मद अख्तर अंसारी के पास से घटना में प्रयुक्त 31 पीस विभिन्न बैंको के डेबिट और क्रेडिट कार्ड, तीन मोबाईल और एक पासपोर्ट बरामद किया गया है।
साइबर थाना की डीएसपी नेहा बाला ने शनिवार को बताया कि बीते 22 जून को जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के बासको नगर निवासी मतियस डुंगडुंग ने मामला दर्ज करवाया था । दर्ज प्राथमिकी में बताया गया था कि अज्ञात साइबर अपराधी बिजली बिल का भुगतान नहीं किये जाने का झांसा देकर अल्पेमिक्स ऐप इन्स्टॉल कराते हुए 12 लाख नौ हजार 659 रूपये का बैंक खाते से अवैध निकासी कर लिया।
डीएसपी ने बताया कि साथ ही एक अन्य मामला अरगोड़ा निवासी ओम प्रकाश अम्बस्टा ने बीते 13 दिसंबर 2021 को साइबर अपराधी के खिलाफ दर्ज कराया था। दर्ज प्राथमिकी में बताया गया था कि बीएसएनएल सिम डिएक्टीवेट कराने के नाम पर ओटीपी मांगकर तीन लाख 87 हजार रूपये की ठगी कर ली गयी है। डीएसपी ने बताया कि दोनों मामले के अनुसंधान के क्रम में संलिप्तता के बिन्दु पर अनुसंधान करते हुए दोनों ही काण्डों में संलिप्त एक साईबर अपराधकर्मी अख्तर अंसारी को गिरफ्तार किया गया है।
डीएसपी ने बताया कि साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इनसे बचाव के लिए साइबर अपराधी का अपराध शैली जानना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के नाम का गलत उपयोग करते हुए विद्युत उपभोगताओं को एसएमएस और व्हाट्सएप कर बिजली डिस्कनेक्शन का गलत संदेश भेज कर अपने झांसे में लेकर स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन इंस्टॉल कराकर ठगी करने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी लोगों को मोबाईल नम्बर डिएक्टीवेट होने के नाम पर विभिन्न नम्बरों से कॉल करते हैं और मोबाईल नम्बर एक्टीवेट करने का झांसा देकर एटीएम कार्ड का नम्बर लेकर ठगी करने का काम करते हैं।