रांची। राजधानी रांची में दस जून को हुई हिंसा को लेकर पुलिस का अनुसंधान जारी है। जांच का दायरा भी धीरे धीरे आगे बढ़ रहा है। पुलिस की जांच में इस बवाल में एक व्हाट्सएप ग्रुप की भूमिका की बात भी सामने आई है। जांच में इस बात का पता चला है कि वासेपुर गैंग नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भीड़ जुटाई गयी थी। भीड़ को जमा करने के लिए तरह तरह के मैसेज इस ग्रुप में एडमिन के द्वारा किए गए थे। मेन रोड में उपद्रव को लेकर पुलिस इस वासेपुर गैंग नाम के इस व्हाट्सएप ग्रुप की भूमिका की जांच करेगी। इसके लिए पुलिस अब इस ग्रुप के एडमिन की तलाश में जुट गई है।
आला अधिकारी इस मामले की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही विभिन्न बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इस मामले में पुलिस के बयान पर केस भी किए गए हैं। साथ कई आम नागरिकों ने भी उपद्रव को लेकर केस किया है। पुलिस की टीम ने लोअर बाजार, हिंदपीढ़ी, डेली मार्केट, डोरंडा और कोतवाली थाना क्षेत्र में एक साथ 42 घरों में छापेमारी की है। पुलिस ने उपद्रव की घटना में शामिल 29 संदिग्धों को हिासत में लिया गया है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है। एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा ने 155 बोन डॉन(107 के तहत कार्रवाई) किया गया है।
दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में उपद्रव और हिंसा मामले में सोमवार को एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर बारीकी से जांच शुरू कर दी है। एफएसएल की टीम ने घटनास्थल से कई सबूत जुटा कर ले गई है। इसके बाद आगे की जांच की जा रही है। इसी बीच एफएसएल की टीम काली मंदिर के नजदीक बिजली के खंभे में फंसी बुलेट को भी निकाला और अपने साथ ले गई है। एफएसएल की जांच में यह पता लगाया जाएगा यह गोली किसकी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक उपद्रवियों ने कई घरों को निशाना बनाया और घरों में फायरिंग की थी।