कांग्रेस पार्टी ने आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस बार कांग्रेस ने चुनावी रणनीति को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए प्रमंडलवार नेताओं को जिम्मेदारी दी है। कुल पांच प्रमंडलों के लिए छह टीमों का गठन किया गया है, जो प्रदेशभर में जनसंवाद के माध्यम से जनता को पार्टी की नीतियों और सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराएंगी।
नेताओं की तैनाती और मॉनिटरिंग
अभियान समिति के अध्यक्ष सुबोधकांत सहाय पूरी गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, जबकि प्रदेश के वरिष्ठ नेता विभिन्न प्रमंडलों में जाकर जनसंवाद कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने जानकारी दी कि पहले चरण में कोल्हान प्रमंडल की बागडोर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने संभाली है। इसके अलावा पलामू प्रमंडल के लिए कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. रामेश्वर उरांव, उत्तरी छोटानागपुर के लिए सुबोधकांत सहाय और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, दक्षिणी छोटानागपुर के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार बलमुचु और संताल परगना के लिए सांसद सुखदेव भगत को जिम्मेदारी दी गई है।
अभियान की शुरुआत: जनता से सीधा संवाद
चार अक्तूबर को बोकारो, रामगढ़, मनिका, रांची के कांके और हटिया विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने अपना चुनावी अभियान प्रारंभ किया। वहीं पांच अक्तूबर को चाईबासा, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग, सिमडेगा, कोलेबिरा और डालटनगंज में कांग्रेस नेता जनता से सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष डॉ. प्रदीप बलमुचु राजधानी रांची के आसपास के इलाकों में पहुंचे और जनता के बीच भाजपा की नीतियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने डेढ़ दशक से अधिक समय तक सत्ता में रहकर झारखंड के जल, जंगल और जमीन को पूंजीपतियों के हवाले कर दिया, जिससे यहां के संसाधनों का बेतहाशा दोहन हुआ।
महागठबंधन सरकार की उपलब्धियों का बखान
डॉ. बलमुचु ने बताया कि महागठबंधन सरकार ने झारखंड की बेटियों के लिए मंईयां सम्मान योजना जैसी योजनाएं लाकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया है। प्रदेश के नेता अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर जनता को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
विधानसभावार प्रभारी नियुक्त
कांग्रेस ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए विधानसभावार प्रभारी भी नियुक्त कर दिए हैं। प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सभी प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे प्रखंड और मंडल स्तर पर समन्वय स्थापित कर बूथ कमेटियों को सुदृढ़ करें और जन संवाद कार्यक्रमों को सफल बनाएं।