कोलकाता।
बंगाल में अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में होड़ मच गई है। इसे लेकर दोनों आमने सामने आ गए हैं। केंद्र सरकार ने नेताजी की जयंती 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के तौर पर देश भर में मनाने की घोषणा की है। जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उस दिन देशनायक दिवस मनाने की घोषणा की है। इधर बुधवार को तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर नेताजी के अंतर्ध्यान होने से संबंधित सभी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की है। तृणमूल के सांसद शुभेंदु शेखर राय ने पत्र में नेताजी की मौत के संबंध में खुलासा करने की जरूरत बताई है।
वहीं सांसद ने कहा है कि कांग्रेस की तरह ही भाजपा भी नेताजी की मौत से संबंधित बातों को छिपाना चाहती है। 4 वर्ष पूर्व भी इस संबंध में चिट्ठी लिखी गई थी पर कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि अहिस्ट्री ऑफ द इंडियन नेशनल आर्मी 1942- 45 में इस बात का खुलासा है कि नेताजी की मौत कैसे हुई। मालूम हो कि कुछ महीने के बाद पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव होने हैं। ममता बनर्जी लगातार भाजपा नेताओं को बाहरी बता कर वहां के लोगों की भावना उभारना चाह रही है। जबकि भाजपा पश्चिम बंगाल के विरासत से जुड़ने का प्रयास कर रही है। पर नेताजी की जयंती पर भी सियासी तनातनी का दौर चल पड़ा है।