पटना।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बाढ़ग्रस्त भागलपुर, खगड़िया और बेगूसराय जिले का हवाई सर्वेक्षण कर जमीनी हकीकत का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे सामुदायिक किचन का भी मुआयना किया। बेगूसराय में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा। हालात को देखते हुए कुछ ही देर में सुरक्षाकर्मी कड़ी मशक्कत कर मुख्यमंत्री को वहां से निकाल कर रवाना हो गए।
जानकारी अनुसार हवाई अड्डा पर हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद मुख्यमंत्री डीएम, एसपी सहित अधिकारियों की टीम के साथ मटिहानी प्रखंड के खोरामपुर ढाला पहुंचे थे। यहां से छितरौर तक पैदल ही बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान गुप्ता लखमीनिया में बसाए गए सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों ने सामुदायिक किचन की व्यवस्था पर राहत कार्य में हो रही लापरवाही को लेकर जमकर भड़ास निकाली। बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि आज आपके आगमन पर बढ़िया चावल और टमाटर डाली सब्जी बन रही है। पर दूसरे दिन यहां साधारण चावल और सड़े हुए आलू की सब्जी मिलती है। अस्थायी शौचालय और पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने डीएम को व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि भागलपुर सहित खगड़िया और बेगूसराय के बाढ़ ग्रस्त इलाके की स्थिति का जायजा लिया है। सरकार पूरी तरह से आपदा पीड़ितों के साथ है। कमियों को तुरंत ठीक किया जाएगा। मालूम हो कि मुख्यमंत्री के अचानक दौरे की सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में सामुदायिक किचन के समीप मेडिकल कैंप लगाया था।
सीएम ने कहा, खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का
भागलपुर दौरे के दौरान सीएम नीतीश ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार के खजाने पर आपदा पीड़ितों का सबसे पहला हक होता है। बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता पहुंचाई जाएगी। उनके रहने और खाने का समुचित व्यवस्था की जाएगी। भागलपुर जिले के नवगछिया में बाढ़ राहत केंद्र का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित रहा है। सिंचाई विभाग को निर्देश दिया गया है कि स्थिति का जायजा ले और इसके स्थाई समाधान की योजना बनाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को राहत मिले इसकी व्यवस्था की जा रही है। आपदा पीड़ित प्रत्येक परिवार को 6000 रुपये दिया जाता है। इसके अलावा इनके रहने और भोजन का इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के ऊपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दौरान बच्चा होने पर यदि वह लड़का है तो उसे 10,000 और लड़की होती है तो उसे 15000 रुपये दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सबसे पहला काम बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाना है। इसके लिए हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर से नवगछिया इंटर स्तरीय हाई स्कूल पहुंचे। इसके बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से पकरा उच्च विद्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की समस्या सुनी अवगत हुए। उसके बाद मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बन रहे भोजन का जायजा लिया। साथ ही मुख्यमंत्री ने वहां रह रहे लोगों से भोजन के गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली। इसके बाद मुख्यमंत्री गोपालपुर प्रखंड के मकनपुर स्थित बाढ़ राहत शिविर का जायजा लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री पटना प्रस्थान कर गए। इससे पहले राज्य में बाढ़ के बिगड़े हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले खगड़िया पहुंचे। यहां उन्होंने बाढ़ की चपेट में आए क्षेत्रों का दौरा किया। खासकर गंगा के जलस्तर का सबसे ज्यादा दबाव गोगरी- नारायणपुर तटबंध को झेलना पड़ रहा है, जिसे देखने मुख्यमंत्री भरतखंड पहुंचे।
बांधों की स्थिति को जानने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भरतखंड बाढ़ राहत केंद्र का भी जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में बाढ़ पीड़ितों से संवाद करके उसका हाल जाना। बाढ़ राहत केंद्र में बनाए गए स्वास्थ्य शिविर का भी उन्होंने जायजा लिया । स्वास्थ्य शिविर, बाढ़ राहत केंद्र और बांधों के निरीक्षण के दौरान वे लगातार डीएम समेत तमाम वरीय अधिकारियों को निर्देश देते रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नवगछिया से सड़क मार्ग से खगड़िया पहुंचे थे।मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।मुख्यमंत्री के साथ खगड़िया सांसद चौधरी महबूब अली कैसर और स्थानीय जदयू विधायक डॉ संजीव भी मौजूद थे।