Ranchi News: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो )का 13वां महाधिवेशन रांची के खेलगांव में टानाभगत इंडोर स्टेडियम में सोमवार से शुरू हो गया। यह महाधिवेशन बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को समर्पित है। महाधिवेशन शिबू सोरेन की अध्यक्षता में शुरू हुआ। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि 2019 में तब राज्य की जनता के आशीर्वाद से हमें नेतृत्व करने का अवसर मिला, उसमें भी विपक्ष ने कई बार राजनीति का स्तर नीचे गिराते हुए, झारखंड को पीछे ले जाने की कोशिश की, लेकिन सफल न हो सके। झारखंड न कभी डरा और न कभी झुका।

मुख्यमंत्री सोमवार को झामुमो के महाधिवेशन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड ही नहीं, पूरे देश-दुनिया के लोग दिशोम गुरुजी को आदर-सम्मान की नजरों से देखते हैं। दिशोम गुरुजी के नेतृत्व तथा असंख्य क्रांतिकारियों के संघर्ष और बलिदान के बाद हमें झारखंड अलग राज्य मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिशोम गुरुजी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का जो विशाल पेड़ लगाया है और जिस पेड़ की जड़ें झारखंड के घर-घर में फैली हुई हैं, उसे सींचने का काम हमें करना है। हमारे अगुआ नेताओं के संघर्ष को सम्मान देने का काम हमें करना है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हमेशा गरीब, शोषित और वंचित वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व किया है। गुरुजी के नेतृत्व में अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गयी, हमें अलग राज्य भी मिला। राज्य के लोगों ने सोचा कि अब हमारा सर्वांगीण विकास होगा। यह दुर्भाग्य था कि राज्य बनने के बाद राज्य की बागडोर जिनके हाथों में थी। उन्हें यहां के आदिवासियों-मूलवासियों, झारखंडवासियों से कोई मतलब नहीं था।
राज्य की जनता के आशीर्वाद और झामुमो के जुझारु सिपाहियों की मेहनत की बदौलत हमने अपने आप को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बोलने वाले दल को हराने का काम किया है। राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनने का आशीर्वाद हमें मिला है। यहां यह आप सभी साथी भी महसूस कर रहे होंगे कि आज हमारे महाधिवेशन में पूर्व से बेहतर भव्यता है, इसी प्रकार हमें राज्य के लोगों के लिए भी दिन-रात काम कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है।
हेमंत सोरेन ने किया झारखंड आंदोलन का जिक्र
कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झारखंड आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि झामुमो किसानों, दलितों, पिछड़ों का प्रतिनिधित्व करता रहा है। उन्होंने कहा कि अलग राज्य के लिए आंदोलन लंबा चला और अनगिनत शहादत के बाद हमें अलग राज्य मिला है।
राजनीतिक प्रस्ताव में जातिगत जनगणना और आरक्षण पर जोर
झामुमो के वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी ने पार्टी का राजनीतिक प्रस्ताव पढ़ते हुए कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। इनमें ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण, 1932 आधारित स्थानीय नीति और परिसीमन के विरोध का जिक्र किया गया। प्रस्ताव में निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण की मांग भी शामिल है। इसके अलावा सरना धर्म कोड को देश की संसद की ओर से मान्यता देने और राज्य सहित पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की बात कही गई है।