मुख्यमंत्री बोले – ग्रामीण परिवेश को मजबूत करने का काम सरकार कर रही है
रांची। ग्रामीणों की सामाजिक- आर्थिक- शैक्षणिक और बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी सरकार का संकल्प है। इसी मकसद से कई कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं। जिनके लिए ये योजनाएं हैं, उनके दरवाजे तक यह पहुंचे, इसी लक्ष्य के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने धरमपुर, पतना, साहिबगंज में परिसंपत्ति वितरण समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि अब योजनाएं कागजों- फाइलों में सिमटी नहीं रहेगी। योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर सरकार की पूरी नजर है, ताकि हर जरूरतमंद और गरीब को इसका लाभ मिल सके।
हजारों शिविर लगे, लाखों लोगों को मिला लाभ, फिर लगेंगे शिविर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत पूरे राज्य में हजारों शिविर लगाए गए। इन शिविरों के माध्यम से लाखों लोगों की समस्याओं का समाधान करने के साथ योजनाओं से जोड़ा गया। अब फिर से शिविर लगाए जाएंगे, ताकि जो भी वंचित हैं, उन्हें उनका हक और अधिकार हम दे सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण परिवेश को मजबूत करने का काम सरकार कर रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों को पिछड़ापन के अभिशाप से मुक्ति दिलाने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच ग्रामीण क्षेत्रों को पिछड़ापन के अभिशाप से मुक्ति दिलाने का संकल्प सरकार ने ले रखा है । उन्होंने चिंता जताते हुए कहा की हम एक तरफ चांद पर जाने की बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी, पिछड़ापन, बेरोजगारी और कुपोषण जैसी कई समस्याएं व्याप्त है। अलग राज्य बने 22 वर्ष हो चुके हैं। लेकिन, ग्रामीण इलाके आज भी विकास से अछूते हैं। गांव और ग्रामीणों की दशा पर ना तो सरकार की नज़रें गई और न ही उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कोई सार्थक प्रयास हुआ। लेकिन, हमारी सरकार पिछले 3 वर्षों में ग्रामीण व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है । इस दिशा में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार समेत सभी क्षेत्रों के लिए तमाम योजनाएं शुरू की गई है। वहीं, सर्वजन पेंशन योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लोगों को आर्थिक सुरक्षा कवच देने का काम हो रहा है।
ग्रामीणों को आर्थिक रूप से बना रहे स्वावलंबी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सक्षम और स्वावलंबी बनाने की दिशा में सरकार प्रयासरत है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना जैसी तमाम योजनाएं शुरू की गई हैं । आप इन योजनाओं से जुड़े और दूसरों को जोड़ने के लिए भी जागरूक करें। इससे आप आत्मनिर्भर बनेंगे और ग्रामीण क्षेत्र भी मजबूत होगा।
किसानों को खेतों से जोड़ने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो कृषि के लिए नीति निर्धारण हो रहा है, उसका नतीजा है कि किसान खेती-बाड़ी छोड़कर मजदूरी करने को मजबूर है। अगर किसान फसल नहीं उगाएगा तो जीविका कैसे चलेगी । ऐसे में किसानों की समस्याओं का समाधान और उनके हित में योजनाओं को बनाने की दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है। हमारी सरकार का संकल्प किसानों को खेतों से जोड़ना है।
श्रमिकों का पलायन रोकना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की कोशिश है कि गांव में ही लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएं ताकि उनका पलायन नहीं हो। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। आप इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए श्रम विभाग के पोर्टल पर अपना निबंधन जरूर कराएं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को उनके स्किल के अनुरूप कार्य उपलब्ध कराई जा रहा है। इसके अलावा श्रमिकों के लिए पेंशन, उनके बच्चों के पढ़ाई लिखाई के लिए छात्रवृत्ति योजना का भी प्रावधान है। इसके अलावा अगर दुर्घटना में श्रमिक की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रित को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता भी देने देने की व्यवस्था है।
आप पढ़ाई ना छोड़े, सारा खर्च सरकार उठाएगी
मुख्यमंत्री ने समारोह में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से आच्छादित बच्चियों से कहा कि आप पढ़ाई जरूर करें। किसी भी परिस्थिति में पढ़ाई कभी ना छोड़े । आपकी पढ़ाई के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है। अगर आप आईएएस, जेपीएससी, बैंकिंग या अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए कोचिंग करते हैं तो उसका खर्च सरकार देगी। इतना ही नहीं, मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ जैसे कोर्स की पढ़ाई में जो भी खर्च होगा, उसे भी सरकार उठाएगी। इसके साथ- साथ विद्यार्थियों के लिए सरकार ने 15 लाख रुपए तक की राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है । इतना ही नहीं, जो लोग स्वरोजगार करना चाहते हैं उनके लिए भी सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत आर्थिक सहायता देने की योजना चला रही है।
गांवों में दवाओं की नहीं होगी किल्लत, सरकार कर रही व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं की किल्लत नहीं हो, इसकी व्यवस्था सरकार जल्द करने जा रही है । अब हर गांव में जेनेरिक दवाएं की व्यवस्था होगी। इसके लिए गांव के ही पढ़े-लिखे नौजवानों को दवा दुकान खोलने की इजाजत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में जरूरी दवाओं की उपलब्धता करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है, ताकि इमरजेंसी में किसी बीमार को दवा का अभाव नहीं हो।
लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण, कई योजनाओं का शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर यूनिवर्सल पेंशन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, सोना -सोबरन धोती साड़ी योजना और सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना जैसी कई योजनाओं के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया। उन्होंने जेएसएलपीएस की सखी मंडलों को चेक प्रदान किया। सेविका और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र और ग्राम प्रधानों को प्रधानी पट्टा सौंपा। वहीं, आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे- बच्चियों को स्वेटर और गरीबों- जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लगभग 61 करोड़ 25 लाख रूपए की योजनाओं का शिलान्यास किया।
इस मौके पर राजमहल सांसद विजय हांसदा और जिले के उपायुक्त आरएन यादव और पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा सहित अन्य पदाधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।