कहा कि भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है तो वह किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होता
नई दिल्ली।
भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है तो वह किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होता। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है तो उसके पीछे किसी अन्य देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती। यह बातें संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75 में अधिवेशन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही। मोदी ने कहा की भारत की हजारों वर्ष पुरानी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत जब मजबूत होता है तो वह किसी को सताता नहीं, विकास की बुलंदी पर होता है तो किसी को मजबूर नहीं करता। इतिहास में ऐसा लंबा काल रहा जब भारत विश्व अर्थव्यवस्था का सिरमौर था। वही ऐसा भी समय आया जब हमने गुलामी का अभिशाप सहा। जब हम मजबूर थे उस समय भी हम किसी पर बोझ नहीं बने।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में लंबित सुधारों पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र दुनिया से सवाल पूछता है कि उसे इन विश्व संस्थाओं में उचित स्थान क्यों नहीं दिया गया। विश्व की इन निर्णयकर्ता संस्थाओं में भारत की गैरमौजूदगी समझ से परे है।
मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने में विश्व मानवता को भारत के सक्रिय सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में वैक्सीन उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा देश होने के नाते यह सुनिश्चित करेगा कि दुनिया के हर देश को इसकी आपूर्ति हो। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद और कोरोना वायरस का सामना करने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि विश्व मानवता पूछ रही है कि संयुक्त राष्ट्र आज कहां है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के स्वरूप प्रक्रिया और व्यवस्था में बदलाव समय की मांग है। अपनी सरकार के समावेशी विकास संबंधी उपायों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा मंत्र है रिफॉर्म परफॉर्म और ट्रांसफर। इस मंत्र ने भारत के करोड़ों देशवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में सरकार द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत अभियान विश्व अर्थव्यवस्था को भी गति देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम के आदर्श के तहत हमेशा शांति सुरक्षा और समृद्धि का आवाज उठाता रहेगा। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और उसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद अवैध हथियार व मादक पदार्थों की तस्करी और धन शोधन मानवता और मानव जाति के दुश्मन हैं।