Chaibasa: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के सहायक पुलिसकर्मियों को दो वर्ष का सेवा अवधि विस्तार मिलेगा। उन्होने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों के भविष्य को लेकर सरकार चिंतित है और इस दिशा में जल्द ठोस निर्णय लिए जाएंगे। वे शुक्रवार को चाईबासा में आयोजित प्रमंडलीय रोजगार मेले में ऑफर लेटर वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य में चारों ओर से रोजगार के दरवाजे खुल चुके हैं। रोजगार की कई योजनाएं चल रही हैं। स्वरोजगार के इच्छुक लोगों की मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत आर्थिक मदद की जा रही है। इसके अलावा युवाओं को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के साथ मेडिकल, इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज करने के लिए सरकार मदद भी कर रही है।
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सारथी योजना के तहत युवाओं को अपने प्रखंड में ही कौशल विकास का नि:शुल्क प्रशिक्षण देने के लिए बिरसा केंद्र खोला है। विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए सरकार शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रही है। आदिवासी समुदाय के युवक-युवतियों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए नि:शुल्क आवासीय कोचिंग कार्यक्रम शुरू किया गया है। ऐसी कई और भी योजनाएं हैं जो सरकार ने शुरू की है।
10,020 युवाओं को ऑफर लेटर मिलना राज्य के लिए मील का पत्थर
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर बड़े पैमाने पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो निजी क्षेत्रों में भी यहां के आदिवासियों-मूल वासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने नियम बनाए हैं। अब राज्य में कार्यरत निजी संस्थानों और कंपनियों में 40 हजार रुपये प्रति माह तक की नौकरियों में यहां के आदिवासियों-मूल वासियों को 75 प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य होगा। यह कानून बनने के बाद आज पहली बार कोल्हान की धरती से एक साथ 10,020 युवाओं को ऑफर लेटर मिलना राज्य के लिए मील का पत्थर है। इसमें 9500 आदिवासी-मूलवासी हैं। यह सिलसिला आगे भी चलेगा। हमारा संकल्प है राज्य की जनता को बेहतर जीवन के लिए बेहतर व्यवस्था दे सकें।
लड़कर राज्य लिया है, हक-अधिकार भी लेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लंबा संघर्ष कर झारखंड अलग राज्य लिया है। अब लड़कर अपना हक-अधिकार भी लेंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है। अलग राज्य बनने के 20 वर्षों तक आदिवासियों के हितों को दरकिनार किया जाता रहा। जब हमारी सरकार बनी तो आदिवासियों को विकास से जोड़ने के लिए कई योजनाएं शुरू की। आदिवासी कला-संस्कृति और परंपरा को अलग पहचान मिले, इसलिए आदिवासी महोत्सव का भव्य आयोजन शुरू किया गया।
इस मौके पर मंत्री आलमगीर आलम, चम्पाई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता, जोबा मांझी, बन्ना गुप्ता, सांसद गीता कोड़ा, विधायक सुखराम उरांव, निरल पूर्ति, सविता महतो, दीपक बिरुवा, सोनाराम सिंकू, मंगल कालिंदी, समीर मोहंती, संजीव सरदार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, श्रम सचिव राजेश शर्मा, प्रमंडलीय आयुक्त मनोज कुमार समेत कई अधिकारी मौजूद थे।