मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन के महाप्रबंधक सहित चार गिरफ्तार, एनएचएआई के ठेके में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा
Central Desk: पटना में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई)के ठेके में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा किया है। साेमवार काे एनएचएआई के पटना क्षेत्रीय कार्यालय के महाप्रबंधक (जीएम) को 15 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। इस मामले में महाप्रबंधक समेत चार आराेपिताें को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही तलाशी के दौरान उनके पास से 1.18 करोड़ रुपये कैश भी बरामद किया गया है।

दरअसल सीबीआई ने 22 मार्च को 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमेंं छह सरकारी अधिकारी और निजी कंपनी के प्रतिनिधि भी शामिल थे। इन पर आरोप है कि एनएचएआई के अधिकारी और प्राइवेट कंपनी के लोग ठेके के भुगतान पास कराने के लिए रिश्वत ले रहे थे। 15 लाख रुपये की रिश्वत पटना में एनएचएआई के महाप्रबंधक को दी जानी थी। जैसे ही महाप्रबंधक ने रिश्वत की रकम ली तभी सीबीआई ने जाल बिछाकर एनएचएआई के महाप्रबंधक और रिश्वत देने वाले अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के उनके संर्पक रखने वाले लोगों के बारे में पता किया। इसके बाद सीबीआई की टीमों ने पटना स्थित मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ ही मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी में एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में जहां 1.18 करोड़ रुपये कैश जब्त किया गया, वहीं कई डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज भी सीबीआई की टीम ने बरामद किए।
सीबीआई के मुताबिक कि जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें एनएचएआई के महाप्रबंधक रामप्रीत पासवान, मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन के महाप्रबंधक सुरेश महापात्रा एवं कर्मचारी चेतन कुमार व बरुण कुमार भी शामिल हैं। इसके अलावा 12 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। इनमें एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक वाईबी सिंह, उप महाप्रबंधक कुमार सौरभ, पूर्णिया, परियोजना निदेशक (पीडी),ललित कुमार (पीआईयू), दरभंगा/मुजफ्फरपुर, अंशुल ठाकुर, साइट इंजीनियर परियोजना कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू), दरभंगा-मुजफ्फरपुर, हेमेन मेधी, एजीएम, लेखा, क्षेत्रीय कार्यालय पटना, अमर नाथ झा, महाप्रबंधक (जीएम), मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सत्य नारायण सिंह उर्फ पप्पू सिंह ठेकेदार, मुजफ्फरपुर, मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और अज्ञात अन्य लोक सेवक और निजी व्यक्ति शामिल हैं।
इन लोगों पर एनएचएआई के अनुबंधों/कार्यों से संबंधित बिलों को संसाधित करने और पारित करने में अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए अवैध रूप से ली गई/दी गई 15 लाख रुपये की रिश्वत का तुरंत आदान-प्रदान किया गया। इस संबंध में की गई तलाशी में 1.18 करोड़ रुपये (लगभग) नकद बरामद किए गए। सीबीआई ने 22 मार्च 2025 को एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक/महाप्रबंधक (जीएम)/अन्य वरिष्ठ रैंक के छह लोक सेवकों, एक निजी कंपनी, निजी कंपनी के चार वरिष्ठ प्रतिनिधियों सहित इसके दो जीएम के अलावा एक अन्य निजी ठेकेदार और अज्ञात अन्य लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
यह आरोप लगाया गया था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आरोपी लोक सेवक, निजी कंपनी के आरोपी प्रतिनिधियों के साथ मिलीभगत करके, अवैध रिश्वत के बदले में आरोपी निजी कंपनी को दिए गए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अनुबंधों/कार्यों से संबंधित बिलों के प्रसंस्करण और पारित करने में अनुचित पक्षपात/लाभ की सुविधा प्रदान कर रहे थे। यह भी आरोप लगाया गया था कि रिश्वत के पैसे का इंतजाम करने के बाद, निजी कंपनी के एक आरोपी प्रतिनिधि ने 22 मार्च 2025 को रिश्वत की रकम पहुंचाने के लिए आरोपी लोक सेवक से पटना में एक निश्चित स्थान (उसके आवास के पास) पर मिलना तय किया।