New Delhi News: केन्द्र सरकार ने आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का अहम फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक विषयों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज इसे मंजूरी प्रदान की। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय सामाजिक संतुलन, पारदर्शिता और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए लिया है। हमारा मानना है कि इस कदम से समाज आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होगा।

वैष्णव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल जातिगत जनगणना को राजनीतिक लाभ के लिए मुद्दा बना रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 246 की केन्द्रीय सूची की क्रम संख्या 69 के तहत जनगणना केंद्र का विषय है। फिर भी कई राज्यों ने जातिगत गणना कराई है। इनमें से कुछ ने पारदर्शिता बरती जबकि अन्य ने इसे राजनीति का माध्यम बना दिया, जिससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई।
मंत्री ने अपने बयान में कहा कि आजादी के बाद से अब तक सभी जनगणनाओं में जातिगत आंकड़े शामिल नहीं किए गए। कांग्रेस सरकारों ने बार-बार इस विचार का विरोध किया, जबकि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा में आश्वासन दिए जाने के बावजूद इसे केवल एक सर्वे के रूप में सीमित रखा गया। उस समय कैबिनेट में मंत्रिमंडलीय समूह का गठन किया गया था। समूह को कई दलों ने जातिगत गणना पर अपना समर्थन जाहिर किया था। फिर भी इसे जनगणना में शामिल नहीं किया गया।उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सरकार ने पहले भी सामाजिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया था।
भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया
केंद्र सरकार के इस फैसले का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स पोस्ट में कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने जातिगत जनगणना को भी सम्मिलित कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। ये निर्णय आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्तर पर पिछड़ी हुई जातियों को मुख्यधारा में लाने तथा लंबे समय से अपने हक और अधिकार से अछूते लोगों को उनका सम्मान वापस लौटाने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक जातियों के बीच वैमनस्यता बढ़ाने तथा उन्हें वोटबैंक का साधन बनाकर अपने राजनीतिक स्वार्थ को सिद्ध किया है। सरकार में रहते हुए कांग्रेस ने सदैव जाति जनगणना का विरोध किया, जिसका प्रमाण है कि स्वतंत्रता के बाद देश में आजतक जातिगत जनगणना नहीं हुई है।
मोदी सरकार का ये अभूतपूर्व निर्णय सामाजिक समरसता के विस्तार के साथ ही हर वर्ग के उत्थान एवं पिछड़े तबके के सम्मान को बढ़ाने में मील का पत्थर बनेगा। सर्व समाज के कल्याण को लेकर इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताया।