Ranchi News:- कैबिनेट ने नई उत्पाद मदिरा नीति पर मुहर लगा दी है। नयी उत्पाद नीति एक माह में लागू की जायेगी। राज्य में मदिरा की खुदरा बिक्री अब निजी हाथों में रहेगी, जबकि होलसेल का जिम्मा राज्य सरकार ( जेएसबीसीएल) के हाथों में रहेगा।

गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद लिए गए फैसलों की जानकारी कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य में मदिरा की कुल 1,453 शराब की दुकानें हैं। नई नीति के अनुसार अब सभी दुकानों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें कुल 17 प्रस्तावों पर मुहर लगी।।
नई उत्पाद नीति की मुख्य बातें
-झारखंड बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड शराब की होलसेल बिक्री की जिम्मेदारी संभालेगा।
– एक व्यक्ति या समूह को एक जिले में अधिकतम 12 दुकानें और पूरे राज्य में 36 दुकानें मिल सकेंगी।
–बड़े मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर्स में भी शराब बिक्री की अनुमति दी जाएगी।
–सरकार मॉडल शॉप्स खोलेगी, जहां केवल पॉपुलर ब्रांड की शराब उपलब्ध होगी।
– सरकारी ठेकों को खत्म कर अब निजी दुकानें खुलेंगी, जिससे शराब के दाम स्थिर रह सकते हैं।
70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को पांच लाख का बीमा
आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष की आयु से अधिक आयु वाले राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत अब 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख तक की स्वास्थ्य इंश्योरेंस की सुविधा देने की मंजूरी कैबिनेट ने दी। इस योजना के तहत लगभग तीन लाख 84 हजार 518 परिवारों को लाभ मिलेगा। इस योजना के माध्यम से राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी।
प्रोफेशनल एजुकेशन बिल की मंजूरी
झारखंड प्रोफेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन बिल-2025 की स्वीकृति कैबिनेेट में गई। इससे व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े संस्थानों के लिए विभिन्न कोर्सों का शुल्क तय किया जा सकेगा। इस बिल के माध्यम से छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा के लिए उचित शुल्क देना होगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बोझ कम होगा।
कारखाना संशोधन अधिनियम में बदलाव
राज्य में व्यापार की सुगमता के लिए केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से तैयार किये गये लेबर रिफॉर्म के अनुपालन को लेकर कारखाना अधिनियम, 1948 के केन्द्रीय अधिनियम संख्या 63 में संशोधन के लिए कारखाना (झारखंड) संशोधन विधेयक-2025 की मंजूरी दी गई। अब कारखानों में काम करने वाले कर्मियों को तीन माह में 75 घंटे की जगह 125 घंटे का ओवरटाइम मिल सकेगा। इस बदलाव से कर्मचारियों को अधिक ओवरटाइम करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी आय बढ़ सकेगी।
एनसीसी कैडेटस के लिए बढा भोजन भत्ता
झारखंड राज्य के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों के शिविरों के दौरान भोजन भत्ता में वृद्धि की स्वीकृति दी गई। अब उन्हें प्रति कैडर शिविर के दौरान प्रतिदिन 150 रुपये की जगह 220 रुपये मिलेंगे। इस वृद्धि से एनसीसी कैडेटस का मनोबल बढ़ेगा और वे अपने कार्यों को और भी अच्छे से कर पाएंगे।
कैबिनेट के अन्य प्रमुख फैसले
झारखंड सरकारी माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 9 से 12) के आचार्य, प्रधानाचार्य एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली-2025 को स्वीकृति दी।
– राज्य सेवा के अधिकारी कानु राम नाग के विरुद्ध अधिरोपित दंड सेवा से हटाया जाना (बिना भविष्य की नियुक्ति पर रोक) को यथावत रखने की मंज़ूरी दी गई।
– मधुपुर शहरी जलापूर्ति योजना के लिए 76.63 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित प्रशासनिक मंजूरी दी गई।
– झारखंड म्युनिसिपल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत राजस्व वृद्धि योजना के लिए 10.70 करोड़ (जीएसटी सहित) की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
– छह सेवानिवृत्त लिपिकों की सेवा नियमित कर उन्हें लागू वित्तीय लाभ देने का निर्णय लिया गया।
– सुनील कुमार (पिता शिव शंकर प्रसाद) और सुनील कुमार (पिता हनुमान सिंह) की सेवा नियमित करने की स्वीकृति दी गई।
– रेडबर्ड एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली से ली गई टर्बोप्रॉप विमान सेवा की अवधि को छह माह तक बढ़ाने की मंज़ूरी दी गई।
– गिरिडीह के बड़कीटांड-तीनपल्ली-डोकीडीह-गिरनिया मोड़ मार्ग (11.065 किमी) सडक को पथ निर्माण विभाग को स्थानांतरित कर पुनर्निर्माण के लिए 55.20 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।
– हजारीबाग, दुमका और पलामू स्थित चिकित्सा महाविद्यालयों में लिफ्टों के वार्षिक रख-रखाव और संचालन के लिए सिंडलर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मनोनयन की स्वीकृति दी गई।
– मिशन सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण-2.0 के तहत टेक होम राशन वितरण के लिए मौजूदा आपूर्तिकर्ता से आपूर्ति की अवधि को 31 मई 2025 तक बढ़ाने की मंज़ूरी दी गई।
– कार्य की निविदा राशि पर निर्धारित 10 प्रतिशत सीमा को शिथिल कर 17.895 प्रतिशत अधिक राशि तक निविदा निष्पादन की स्वीकृति विभागीय समिति को दी गई।
– बिहार कारा हस्तक (झारखंड सरकार द्वारा अंगीकृत) को निरस्त कर नया झारखंड कारा हस्तक-2025 प्रारूप को मंजूरी दी गई।