Bodhgaya: राज्य के बोधगया में महाबोधि मंदिर स्थित स्तूप के समीप शनिवार सुबह बोधि वृक्ष के नीचे विश्व शांति के लिए विशेष प्रार्थना की गई। इसमें तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के साथ 33 देशों के बौद्ध धर्म के विद्वान और श्रद्धालु शामिल हुए।इस दौरान दलाई लामा ने कहा कि बोधगया पावन भूमि है, जो विश्व के विशेष स्थलों में से एक है। यहां बुद्ध भूमि में आने पर हर किसी को शांति मिलती है। इस पावन भूमि में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यहां विश्व से लोग भगवान बुद्ध के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां सभी को शांति मिलती है। बोधगया विश्व की खास स्थली है।
महाबोधि मंदिर में विश्व शांति की कामना को लेकर हुए विशेष प्रार्थना में बुद्धं शरणम् गच्छामि से मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया। विश्व शांति की प्रार्थना बौद्ध विद्वानों एवं श्रद्धालुओं ने अपने-अपने देश की भाषाओं में की। भारतीय भाषा के साथ विश्व शांति की कामना की प्रार्थना शुरू हुई। इसके बाद श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, कंबोडिया, ताइवान, कोरिया, वियतनाम, तिब्बत जापान आदि देशों की भाषाओं में विश्व शांति की प्रार्थना की गई। तकरीबन पांच मिनट अलग-अलग देश की भाषाओं में विश्व शांति की कामना को लेकर विशेष प्रार्थना हुई।
उल्लेखनीय है कि तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा 15 दिसंबर को बोधगया पहुंचे थे। वे बोधगया स्थित तिब्बत मंदिर में प्रवास पर हैं। दलाई लामा बोधगया में 26 दिनों के प्रवास पर आये हुए हैं। इस दौरान तिब्बती मंदिर से लेकर महाबोधि मंदिर तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।