पलामू ।आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) शनिवार को गैंगेस्टर अमन साव और सुजीत सिन्हा के 81 ठिकानों पर छापेमारी की है। पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, रांची, रामगढ़ और लातेहार सहित कई अन्य जिलों में अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी चल रही है।
पुलिस के अनुसार अमन साहू आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में सुजीत सिन्हा के गुर्गों का इस्तेमाल कर रहा है।
पहले अमन साहू सुजीत सिन्हा गिरोह से ही जुड़ा था लेकिन बाद में उसने खुद का गिरोह तैयार कर लिया। अमन साहू जेल में रह कर भी हर महीने लाखों रुपये की लेवी उठा रहा है। सुजीत सिन्हा के गिरोह में शामिल ज्यादातर अपराधी पलामू के ही रहने वाले हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एटीएस की रेड जारी है। जेल में रहते हुए अमन साहू पर रंगदारी वसूलने और व्यवसायियों को धमकाने का आरोप लगता रहा है।संगठित अपराध के खिलाफ झारखंड एटीएस को राज्य सरकार ने कहीं भी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है।
पहले अमन श्रीवास्तव गैंग के खिलाफ झारखंड एटीएस की बड़ी कार्रवाई हो चुकी है। एटीएस ने गैंग को ना सिर्फ आर्थिक रूप से तोड़ा, बल्कि उसके कई गुर्गो को सलाखों के पीछे भी पहुंचा चुका है। 20 जुलाई 2020 को रांची के तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने ही अमन साहू को गिरफ्तार किया था और तब से ही वह जेल में है। वर्तमान में सुरेंद्र कुमार झा झारखंड एटीएस के एसपी हैं। उन्हीं के नेतृत्व में पूरे राज्य में यह छापेमारी चल रही है।
सूत्र का कहना है की छापेमारी में एटीएस को दस्तावेज सहित आपत्ति जनक सामग्री मिली है ।अभी प्रारम्भिक सुचना के अनुसार एटी एस को कई सुराग मिले है ।मालूम हो की सीसीएल की कोल परियोजना मे ट्रांसपोर्टिंग से जुडे मामले मे अमन का नाम जोर-शोर से आया था ।जिसकी जांच चल रही है। दोनो गैंगस्टर पर हवाला के माध्यम से भारी मात्रा मे राशि की वसुली की गयी थी ।झारखंड के अलावा राजस्थान से भी इनके तार जुडे है।
बीकानेर से हवाला कारोबारी सुनील शर्मा और आनंद पारिक गिरफ्तार किये गये हैं। वहीं रांची के अपर बाजार से गिरफ्तार अनिल शर्मा और अनिल कुमार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। बीकानेर से दोनों गिरफ्तार कारोबारियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर एटीएस की टीम रांची आयी थी। चारों पर गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव व उसके परिजनों को रंगदारी का पैसा पहुंचाने का आरोप है। एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, पूर्व की जांच में यह बात सामने आयी थी कि गिरोह के सदस्य ट्रांसपोर्टर और दूसरे व्यवसायी से जो रंगदारी का पैसा वसूलते हैं, उसे अमन श्रीवास्तव और उसके परिजनों को हवाला के माध्यम से पहुंचाया जाता है।
पुलिस प्रवक्ता एवी होमकर ने शनिवार को बताया कि पुलिस मुख्यालय की ओर से राज्य में संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने और इन गिरोहों के फंडिंग, आर्थिक स्रोतों, हवाला चैनल एवं इनके द्वारा अपराध से अर्जित किए हुये संपत्ति का पता लगाने तथा इस प्रकार के आपराधिक कृत्यों में संलिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी करने का निर्देश आतंकवाद निरोधी दस्ता को दिया गया है।