नवादा।
दलालों द्वारा एक महादलित परिवार के खाते में बिना रुपए जमा कराए हेराफेरी कर 15 लाख रुपए की निकासी कर लिए जाने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बैंक के सहायक प्रबंधक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं इस कार्रवाई से नाराज बैंक कर्मियों ने बैंकों में कामकाज ठप कर दिया है। मामला जिले के हिसुआ थाने का है। थाना अंतर्गत धुरीहार गांव निवासी महादलित कांति देवी एवं बबलू राजवंशी के खाते से 15 लाख रुपए की अवैध निकासी कर ली गई। इसकी शिकायत उनके द्वारा पुलिस से की गई थी। जिस पर एसपी के आदेश पर पुलिस ने एक्सिस बैंक के सहायक प्रबंधक नवलेश कुमार को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। वही इस कार्रवाई को लेकर बैंकर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में कर्मियों ने गिरफ्तारी का विरोध करते हुए बैंकों में कामकाज ठप कर दिया, साथ ही उनके द्वारा जिले के डीएम व एसपी को स्मार पत्र देकर बैंक कर्मियों ने कार्रवाई की निंदा करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बैंकर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष कुमार ने कहा कि धुरीहार गांव के ही सुशील कुमार उर्फ बिट्टू सिंह ने रुपए निकासी के मामले में हेराफेरी की है। इसमें बैंक कर्मियों का कोई दोष नहीं है।
गांव के सुशील कुमार उर्फ बिट्टू के द्वारा उन दोनों का खाता एक्सिस बैंक नवादा में खुलवाया
मामले में गांव के महादलित महिला कांति देवी ने हिसुआ थाने में एवं बबलू राजवंशी ने नवादा हरिजन थाने में आवेदन देकर गांव के सुशील कुमार उर्फ बिट्टू के द्वारा उन दोनों का खाता एक्सिस बैंक नवादा में खुलवाने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि खाता खोले जाने के दो-तीन माह बीतने के बाद 25 सितंबर को सुशील कुमार ने खुला चेक बुक हम दोनों को दिया। जबकी एटीएम कार्ड और सारे कागजात सुशील कुमार के पास ही थे। एक्सिस बैंक के प्रबंधक गांव पहुंचकर हम दोनों से मिलकर खाते से 15 लाख की निकासी की बात कही। दोनों ने खाते में इतनी बड़ी राशि डालने और इसकी निकासी करने पर आश्चर्य जताया है। दोनों महा दलितों ने आरोप लगाया है कि गांव के सुशील कुमार ने ही जालसाजी कर रुपए की अवैध निकासी कराई है। इधर इस मामले को लेकर समाज के हर वर्ग के लोगों में सनसनी फैल गई है। उनका कहना है कि आखिर बगैर खाते में पैसा जमा किए इतनी बड़ी रकम खाते में कहां से आई और फिर किस तरह बिना बैंक कर्मियों की मिलीभगत से इसकी निकासी की गई। दोनों अनपढ़ महादलितों ने कहा की वे इतने गरीब है की उनके खाते में इतनी रकम की गुंजाइश नही है।