दुमका। सिरफिरे युवक की शिकार अंकिता का सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में दुमका के बेदिया घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया।अंकिता को उसके दादा अनिल सिंह ने मुखाग्नि दी। लेकिन घटना को लेकर इलाके में तनाव व्याप्त रहा। आक्रोशित भीड़ जेल में बंद आरोपित शाहरूख खान को जनता के हवाले करने की मांग कर रहे थे। बड़ी मशक्कत के बाद प्रशासन ने अंकिता के घर से अंतिम यात्रा निकलवायी। अंतिम यात्रा में भारी भीड़ थी। अंतिम यात्रा को लेकर जिला पुलिस के अलावा एसएसबी, आईआरबी, एसआईआरबी और रैपिड एक्शन पुलिस के पुरुष और महिला जवान के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई थी। विभिन्न संगठनों के आह्वान पर दुमका बाजार आज स्वतःस्फूर्त बंद है। छात्र संगठन सहित भाजपा, विहिप, बजरंग दल सहित अन्य संगठनो ने विरोध में कैंडल मार्च निकाला। मामले की गंभीरता देखते हुए इलाके में निषेधाज्ञा 144 लागू कर दी गई। शहर पुलिस छावनी में बदल गया।अंकिता के अंतिम संस्कार में सांसद सुनील सोरेन सहित उपायुक्त रविशंकर शुक्ला, एसपी अंबर लकड़ा आदि विशेष रूप से मौजूद थे।
एकतरफा प्यार में विफल रहने के बाद शाहरूख हुसैन नामक युवक ने 23 अगस्त, 2022 को पेट्रोल छिड़कर उसके ही घर में ही जला दिया था। बेहद गंभीर स्थिति में उसे दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स, रांची रेफर कर दिया गया था, जहां इलाज के क्रम में शनिवार रात अंकिता की मौत हो गयी। घटना के तुरंत बाद आरोपी शाहरुख को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था। बताया गया कि आरोपी शाहरुख युवती से एकतरफा प्यार करता था, लेकिन युवती उससे बात करना पसंद नहीं करती थी। आरोपित हमेशा युवती को परेशान करते रहता था। दोस्ती करने के लिए कई बार दबाव दिया, पर स्वीकार नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। इसी के आधार पर उसने घर में सोयी युवती के उपर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दिया था। इससे युवती गंभीर रूप से झुलस गयी थी। अंकिता की मौत के बाद पूरा दुमका में आक्रोश फूट पड़ा।
इस बीच राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्य सचिव और डीजीपी को राजभवन तलब किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस तरह की धृणित घटना करने वालो के लिए समाज में कोई जगह नहीं है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को उक्त मामले में एडीजी रैंक के अधिकारी द्वारा जांच की प्रगति पर शीघ्र रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने अंकिता के परिजनों को दस लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस घटना का फास्ट ट्रैक से निष्पादन करने का निर्देश दिया है।