रामगढ़। पुलिस ने पांडेय गिरोह के मुख्य सरगना निशि पांडेय के बेहद करीब रहे सीसीएल कर्मी अमित बक्शी की हत्या मामले का उद्भेदन कर लिया है। अमित बक्शी की हत्या पांडेय गिरोह के ही अशोक पांडेय के भतीजे भरत पांडेय ने गोली मार कर की थी। दरअसल पांडेय गिरोह मेें ही शामिल अशोक पांडेय की छह माह पहले हत्या की गई थी। इसको लेकर अशोक पांडेय के भतीजे भरत पांडेय को हत्या का शक अमित बक्शी पर भी था।
एसपी पियूष पांडेय ने बुधवार को प्रेसवार्ता में अमित बक्शी की हत्या का राज खोलते हुए उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 8 सितंबर की रात को हुई अमित बक्शी की हत्या के कारणो का पता लगाने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही थी। इस बीच पुलिस ने बिरबल कुमार राय को गिरफ्तार किया। बिरबल राय ने पूछताछ में बताया कि भरत पांडेय ही अमित बक्शी की हत्या के पीछे का मास्टर माइंड है और उसी ने हत्या की साजिश रची थी।
एसपी के निर्देश पर बनी स्पेशल टास्क फोर्स ने भरत पांडे को गिरफ्तार करने के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की थी। 13 सितंबर को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि टॉकीसूद रेलवे स्टेशन के पास भरत पांडे उर्फ गुजू पांडे जय नगर इलाके में मौजूद है। पुलिस ने जब भरत पांडे को गिरफ्तार किया तो उसके पास से चार देसी पिस्तौल, चार जिंदा गोली, दो मोबाइल और एक जिओ कंपनी का डोंगल बरामद किया गया।
एसपी ने बताया कि भरत पांडे मात्र 26 वर्ष का है, लेकिन उसका एक आपराधिक इतिहास रहा है। उसने 15 वर्ष की उम्र में ही हाथों में हथियार उठा लिया था। उसके खिलाफ वर्ष 2011 में ही पतरातू थाने में कांड 248 ऑब्लिक 2011 दर्ज किया गया था। यह मामला भी चोरी और धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ था। इसके बाद दूसरा मामला वर्ष 2021 में भुरकुंडा ओपी में दर्ज हुआ था। इस मामले में उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर कदम नहीं देखा और हथियार के दम पर ही इसने अमित बक्शी की हत्या कर दी।