पटना।
पुराना सचिवालय स्थित ग्रामीण विकास विभाग के कार्यालय में सोमवार की रात को लगी भीषण आग में विभाग के कई महत्वपूर्ण कागजात जलकर खाक हो गए। आग लगने की घटना से पूरे सचिवालय में अफरा-तफरी मच गई। काफी मशक्कत के बाद दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई गई है। आग से ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव के चेंबर सेल और शिक्षण जलकर राख हो गए। वही कंप्यूटर, एसी सहित कई महत्वपूर्ण फाइलें भी आग में जलकर राख हो गई। आग विभाग के 6 कमरों में फैल गई थी।। सूचना पर मौके पर पहुंची दमकल की 6 गाड़ियों ने विभाग में रखें कागजातों को बचाने की भरसक प्रयास किया। बावजूद कई महत्वपूर्ण फाइलें बचाई नहीं जा सके। सचिवालय में इसके पहले दिसंबर 2009 में आग लगी थी। इसके बाद 2016 में सचिवालय स्थित स्वास्थ्य विभाग में व 2016 में विकास भवन में आग लगने की घटना घट चुकी है।
आग लगी नहीं है बल्कि आग लगाई गई है- राजद
इधर सचिवालय स्थित ग्रामीण विकास विभाग में लगी आग पर राजनीति भी शुरू हो गई है। आग लगी के मामले में राजद की ओर से जारी की गई प्रतिक्रिया में इसे वर्तमान सरकार द्वारा घोटालों को छिपाने की कोशिश बताई गई है पुलिस टॉप राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा है कि सचिवालय में आग लगी नहीं है बल्कि आग लगाई गई है। इसके तहत ग्रामीण विकास में हुए काले कारनामों को छिपाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा है कि 87 नेताओं को इस बात का एहसास हो गया है कि अब उनकी सरकार राज्य में दोबारा नहीं बनने वाली है। वहीं तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनने वाली सरकार अन्य विभागों सहित ग्रामीण कार्य विभाग के भी घोटालों की जांच करवाएगी। इसी कारण विभाग के महत्वपूर्ण फाइलों को जानबूझकर जला दिया गया है।
फाइलें सुनियोजित तरीके से जला दी गई है- कांग्रेस
वहीं सचिवालय में लगी आग पर कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि घोटालों की सारी फाइलें सुनियोजित तरीके से जला दी गई है। क्योंकि उन्हें डर है कि नई सरकार आएगी तो हिसाब लेगी।