धनबाद।
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल हासिल कर झारखंड का नाम रोशन करने वाला धनबाद का दिव्यांग एथलीट अजय कुमार पासवान आज आर्थिक तंगी और सिस्टम के आगे बेबस है। महज ₹5000 के कारण वह वर्ष 2015 में बेलरूश में हुए अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने से भी चूक गया। अब वह मेडल बेच कर अपने पेट की आग बुझाना चाह रहा है।
मालूम होगी 2015 में अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ था। एसोसिएशन ने चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए निजी खर्च पर जाने का फरमान जारी कर दिया था। अजय ने भाग दौड़ कर किसी तरफ पासपोर्ट तो बनवा लिया था पर ₹5000 के लिए उसका वीजा नहीं बन पाया और उसे बड़ी प्रतियोगिता से हाथ धोना पड़ गया। अजय ने बताया कि किसी ने उसे ₹5000 की भी मदद नहीं की। उसने बताया कि एक भाई की थोड़ी कमाई पर परिवार का भरण पोषण बड़ी मुश्किल से चल पाता है। परिजनों ने अजय के लिए सरकारी नौकरी की गुहार लगाई है।
इस संबंध में डीडीसी दशरथ चंद्र दास ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। सारी जानकारी प्राप्त की जा रही है। अजय को यथासंभव जल्द मदद किया जाएगा। दिव्यांग होने के बावजूद अजय खेलकूद में अव्वल रहा है और धीरे-धीरे एथलीट बन गया। 10 साल के करियर में उसने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 100 मीटर 200 मीटर और 400 मीटर की दौड़ में कई मेडल अपने नाम किए हैं। पर सरकारी मदद तो दूर उसके परिवार को अब तक पीएम आवास भी नसीब नहीं हुआ है।