बेगूसराय।

महज 5 वर्ष की उम्र में भटक कर पटना पहुंचे अरमान को 17 वर्ष बाद मां की ममता की छांव मिला। इतने लंबे समय के बाद जब बुधवार को हुस्न बानो बानो को उसका पुत्र मिला तो दोनों गले लगा कर जी भर कर रोए। इससे मौजूद लोगों की आंखें भी खुशी से छलक गई। मां -बेटे के मिलन का दृश्य बेगूसराय बालगृह का है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बाल कल्याण समिति के सदस्य प्रीति गौतम ने बताया कि झारखंड के गिरिडीह जिले की रहने वाली हुस्न बानो का पुत्र अरमान कमजोर मानसिकता के कारण भटक कर 2004 में पटना पहुंच गया था। जिसे वहां की पुलिस ने पटना के बाल कल्याण समिति को सौंपा था।
4 वर्ष बाद 2008 में अरमान को बेगूसराय बालगृह भेजा गया। कमजोर मानसिकता के कारण वह अपने परिवार का पता नहीं बता पा रहा था। इस बीच 3 माह पूर्व अरमान के गांव का अरबाज बेगूसराय पुलिस को भटकता हुआ मिला था। उसे भी वहां बालगृह में लाया गया था। पिछले महीने में जब बाल गृह से अरबाज अपने घर वापस गया तब उसने अरमान के घरवालों को जानकारी दी। इसके बाद अरमान के माता-पिता की सूचना पर प्रशासन सक्रिय हुआ। फिर पहचान होने पर डीसीपीओ गीतांजलि प्रसाद और बालगिरी प्रभारी अधीक्षक सूरज कुमार ने बाल कल्याण समिति के आदेश पर अरमान को उसके माता-पिता को सौंप दिया।