पटना।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस ए बोब्डे ने शनिवार को 203. 94 करोड़ की लागत से निर्मित पटना हाई कोर्ट के शताब्दी भवन का उद्घाटन किया। नए शताब्दी भवन में 43 चेंबर के अलावा आधुनिक सुविधाओं से लैस दो लाइब्रेरी है। उद्घाटन समारोह में सीएम नीतीश कुमार, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के 3 जज इदिरा बनर्जी, नवीन सिन्हा और हेमंत गुप्ता , पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉक्टर रवि रंजन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा विशेष रूप से मौजूद थे।
मौके पर सीजेआई अरविंद बोब्डे ने सभी को शुभकामनाएं दीं। चीफ जस्टिस ने कहा कि मुकदमे से पहले मध्यस्थता किसी जज के साथ कराने का इंतजाम किया जाना चाहिए। इससे कोर्ट पर निर्भरता कम होगी। उन्हाऐ न्यायालय में टेक्नोलॉजी के प्रयोग पर उन्होंने कहा कि पूर्णतया तकनीक पर निर्भर किया गया तो इससे कई खतरे होंगे।
इस मौके पर CM नीतीश कुमार ने कहा कि कानून का राज कायम करना सिर्फ राज्य और केंद्र सरकार का काम नहीं वरन न्यायालय की भी जिम्मेदारी बनती है। कानून विधायिका बनाती है पर इसमें न्यायपालिका की भूमिका अहम है। पटना उच्च न्यायालय के स्तर पर अपराध के मामले में ट्रायल की मॉनिटरिंग की गई जिससे तेज ट्रायल हुआ। न्यायालय ने काम किया और अपराधियों को सजा मिलनी शुरू हुई। इससे बिहार में अपराध की संख्या में कमी आई। स्पीडी ट्रायल से अपराध पर अंकुश लगाना स्वाभाविक है। नीतीश ने कहा की न्यायपालिका के लिए जो भी प्रस्ताव आएंगे उसे तत्काल स्वीकार किया जाएगा।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल पर बोलते हुए कहा कि भारत में बोलने की आजादी है पर कुछ लोग अपना एजेंडा सेट करने के लिए नया ट्रेंड शुरू किया है। मन मुताबिक फैसला नहीं आने पर जजों के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जाती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जीवन में जो भी कुछ कर पाया हूं उसमें पटना हाईकोर्ट की बड़ी भूमिका है।