रांची।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 19 फरवरी की अगली तारीख निर्धारित की है। सीबीआई की ओर से शपथ पत्र दाखिल नहीं करने के कारण झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने जमानत पर आदेश टाल दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि लालू प्रसाद अब तक मामले में 28 महीने 29 दिन जेल में बिता चुके हैं। लेकिन सीबीआई इस पर विवाद कर रही है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद जब-जब चारा घोटाले में जेल गए हैं उनकी तरफ से प्रोडक्शन दिया गया है, इसलिए लालू प्रसाद ने जितनी भी अवधि न्यायिक हिरासत में बिताई है उसे जोड़ा जाए।
सिब्बल ने अदालत को यह भी बताया कि लालू प्रसाद कब कब जेल गए और कब कब उनके द्वारा प्रोडक्शन दिया गया। वहीं सीबीआई की ओर से जवाब में बताया गया कि लालू प्रसाद जिस मामले में जमानत मांग रहे हैं। उसमें सीबीआई कोर्ट द्वारा मुकर्रर सजा की आधी अवधि पूरी नहीं हुई है। सीबीआई सीआरपीसी की धारा 427 का मामला भी अपने जवाब में उठाते हुए कहा कि दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू प्रसाद ने 1 दिन भी जेल में नहीं रहे हैं।
मालूम हो कि सीआरपीसी की धारा 427 के तहत किसी व्यक्ति को अगर एक तरह के मामले में कई बार सजा मिलती है तो निचली अदालत के आदेश में स्पष्ट किया जाता है कि उक्त सजाएं साथ-साथ चलेंगी पर निचली अदालत ने इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया है।