रांची।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर के टूटने से आई त्रासदी में झारखंड के भी 12 मजदूर लापता हो गए है। इनमें लोहरदगा के बेटहट के 8 और रामगढ़ जिले के चौकाद गांव के 4 मजदूर शामिल है। मजदूरों के लापता हाेने के बाद इनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अपने परिजनों की एक खबर पाने के लिए इनकी आंखें लालायित है। किसी को पति का इंतजार है तो किसी को अपने बेटे की एक झलक देखने की ललक है। परिवार के हालात सुधारने के लिए घर से बाहर मजदूरी करने गए इन मजदूरों के परिवार में पिछले तीन दिनों से मातम पसरा है। लोहरदगा के बेटहट के लापता हुए मजदूरों में रवीन्द्र उरांव,ज्योतिष बाखला,नेमहस बाखला,सुनिल बाखला,उर्वानुस बाखला,दीपक कुजूर, विक्की उरांव व प्रेम उरांव के नाम शामिल है। मजदूरों के परिजनों ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई है।उत्तराखंड में रविवार की सुबह हुए हादसे में मजदूरों के लापता होने की सूचना उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी सूची में उल्लेख किया गया है। इसके बाद परिजनों का बुरा हाल है। भगवान से सिर्फ सभी के सुरक्षित होने की दुआ कर रहे है।
लापता मजदूरों के परिजनों से मिलने के लिए विधायक ममता देवी भी उनके गांव पहुंची
रामगढ़ जिले के लापता हुए मजदूरों में से चार गोला प्रखंड के चौकाद गांव निवासी बिरसाय महतो, मिथिलेश महतो, कुलदीप महतो और सरला खुर्द निवासी मदन महतो के नाम शामिल है। मंगलवार को लापता मजदूरों के परिजनों से मिलने के लिए विधायक ममता देवी भी उनके गांव पहुंची। वहां विधायक ने सभी परिवारों को सांत्वना दी और कहा कि पूरा झारखंड उनके साथ खड़ा है। सभी लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि लापता मजदूरों की सकुशल वापसी हो। विधायक ने पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
ठेकेदार से बात करने पर लापता होने की जानकारी मिली
बिरसाय महतो की पत्नी रिंकी देवी ने बताया कि वह अपने ससुर प्यारे लाल महतो के साथ गांव में रहती है। 6 जनवरी को जब उसके पति काम करने के लिए जा रहे थे तो उन लोगों के मन में खुशी थी। हर दिन उनके पति उनसे बात करते थे। साथ ही उत्तराखंड की स्थिति से अवगत भी कराते थे। रविवार को अचानक उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया, तो इन लोगों के मन में घबराहट भी हुई। जब न्यूज़ में ग्लेशियर टूटने की बात पता चली तो इन लोगों ने ठेकेदार से संपर्क करने की भी कोशिश की। वहीं से इन्हें पता चला कि गांव के अन्य मजदूरों के साथ बिरसाय भी लापता हैं।
पुत्र के सकुशल वापसी के लिए सरकार से मदद मांगी
मिथिलेश महतो की पत्नी नीमा देवी अपने गोद में 3 माह की बेटी लिए बैठी है। उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। विधायक ममता देवी जब उससे मिलने पहुंची तो वह फफक कर रो पड़ी। उसने कहा कि उसे कुछ नहीं चाहिए। बस मिथिलेश सकुशल वापस घर लौटा आएं। मिथिलेश के पिता राजाराम महतो ने भी अपने पुत्र के सकुशल वापसी के लिए सरकार से मदद मांगी है।
सरकार किसी भी तरीके से उनकी मदद करे, ताकि सभी मजदूर सकुशल घर वापस आ जाएं
मजदूर कुलदीप महतो की पत्नी हेमंती देवी, बेटी अंकिता और लक्ष्मी अपने पूरे परिजनों के साथ परेशान है। हेमंती देवी ने कहा कि बिहार राज्य के रहने वाले विनोद सिंह नामक ठेकेदार ने कुलदीप महतो को काम करने के लिए बुलाया था। उन्हें बस इतना पता है कि विनोद सिंह का ऋषिकेश में अपना मकान है और वे अक्सर मजदूरों को टनल में काम करने के लिए ले जाते हैं। त्रासदी में जब उनके पति भी लापता हो गए तो इसकी सूचना उन्हें ठेकेदार के द्वारा ही दी गई। अब सरकार किसी भी तरीके से उनकी मदद करे, ताकि सभी मजदूर सकुशल घर वापस आ जाएं।