कोडरमा।
जैन धर्म के विश्व संत आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का गुरुवार को झुमरी तिलैया में भव्य प्रवेश हुआ। मौके पर जैन समाज के महिलाएं युवतियां बच्चे सभी श्वेत लाल और पीले वस्त्र में गुरुदेव की अगवानी करने पहुंचे थें। गुरुदेव की अगवानी के लिए रास्ते में रंगोली बनाया गया था। भव्य जुलूस में महिलाएं कलश और जैन धर्म का झंडा लेकर आगे आगे चल रही थी। वहीं घुड़सवारी टीम और समाज के युवक बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार होकर जैन धर्म का झंडा लेकर चल रहे थे। शहर के सभी मार्ग पर लोगों ने गुरुदेव का स्वागत अभिनंदन किया। सेंट जोसेफ स्कूल के कैंपस में यहां पर विराजमान संतों का आचार्य श्री के साथ गुरु शिष्य मिलन हुआ। इस दौरान रास्ते में ड्रोन के द्वारा पुष्प वृष्टि की जा रही थी। मध्य प्रदेश मुंगावली के दिव्य घोष ढोल नगाड़ा की टीम ने पूरे रास्ते में जैन धर्म का उद्घोष किया। सुबोध गंगवाल और नवीन पांड्या के भक्ति रस संगीत के द्वारा भक्तजनों को आनंद उल्लास के साथ झूमने को मजबूर कर दिया। झंडा चौक पर मारवाड़ी युवा मंच और समाज के अग्रणी महेश दारूका ने गुरुदेव की आरती कर स्वागत किया।
गुरुदेव को श्रीफल भेंट किया और आशीर्वाद लिया
आचार्य श्री गुरुदेव नगर भ्रमण के दौरान नया मंदिर पानी टंकी रोड में आचार्य श्री का चरण धोने का अवसर प्रदीप जैन छाबड़ा के परिवार को मिला। डॉ गली बड़ा मंदिर जी में विमल जैन बड़जात्या के परिवार को चरण धोने का अवसर प्राप्त हुआ। जैन समाज के अध्यक्ष विमल जैन बड़जात्या मंत्री ललित जैन सेठी एवं पदाधिकारी महिला जैन समाज के पदाधिकारी जैन युवक समिति के अध्यक्ष मंत्री और पदाधिकारी वार्ड पार्षद पिंकी जैन, वार्ड पार्षद नीलू सिंह ने गुरुदेव को श्रीफल भेंट किया और आशीर्वाद लिया। मौके पर जैन समाज के मीडिया प्रभारी नवीन जैन और राजकुमार जैन अजमेरा मौजूद थें।
सरस्वती भवन के पंडाल का उद्घाटन समाज के अग्रणी सुरेश जैन झाझंरी ने किया
जैन मंदिर सरस्वती भवन के पंडाल में धर्म सभा आयोजित की गई गुरुदेव के दर्शन के लिए पूरे भारतवर्ष से आए लोगों ने गुरुदेव को श्रीफल भेंट किया। बाहर से आए अतिथियों ने और समाज के पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित किया और आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज के चित्र का अनावरण किया। सरस्वती भवन के पंडाल का उद्घाटन समाज के अग्रणी सुरेश जैन झाझंरी ने किया । स्वागत भाषण समाज के अध्यक्ष विमल जैन बड़जात्या ने किया
गुरु के वचन आत्मा को परमात्मा के पास पहुंचाने के साधन है
आचार्य विशुद्ध सागर जी गुरुदेव ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि सागर की गहराई और पर्वत की ऊंचाई जगत प्रसिद्ध है पर इन से भी गहरा और ऊंचा कोई है तो वह गुरु का धर्म उपदेश होता है। गुरु के वचन आत्मा को परमात्मा के पास पहुंचाने के साधन है। भगवान महावीर की मुद्रा ही नग्न मुनियों की मुद्रा है। उन्होने कहा की झुमरीतिलैया की नगरी धर्म नगरी है। सम्मेद शिखर झारखंड यहां से बहुत नजदीक है। जिसके कारण इस निर्माण भूमि में मुनियों की नहीं तीर्थंकरों की वाणी की अगवानी हुई है। गुरु भक्ति की महिमा अपरंपार है। जैन समाज के लोगों ने जैन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा धर्म का अनुसरण किया है। श्रुतअभ्यास और आगम का ज्ञान जरूरी है। अल्प समय वाला बालक कमजोर होता है। परंतु झुमरी तलैया की जैन समाज और यहां के लोग और यहां के युवाओं ने अच्छी धर्म प्रभावना की है। हमेशा भद्र जनों साधु का आदर सत्कार करनी चाहिए।