कोडरमा।
जिले में शराब माफियाओं का हौसला इस कदर बढ़ा हुआ है कि वे जंगलों के बजाय अब शहरी क्षेत्रों में भी अवैध शराब का निर्माण कर बिक्री का धंधा संचालित कर रहे है। तिलैया पुलिस ने मंगलवार की रात छापेमारी कर शहर के गांधी रोड स्थित एक मकान में काफी समय से चल रहे नकली शराब बनाने की मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन किया है। छापेमारी में विभिन्न ब्रांडों के शराब के बोतलों के अलावा खाली बोतलें व काॅर्क, ढक्कन, रैपर सहित झारखंड उत्पाद विभाग के रैपर बरामद किए गए है। वहीं छापेमारी के दौरान नकली शराब के अड्डे से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिनके नाम बिहार के नवादा जिला अंतर्गत खुशहाल बिगहा निवासी कुंदन कुमार व नालंदा जिले के मीरपुर ग्राम निवासी संतोष कुमार बताए गए हैं। गिरफ्तार दोनों अभियुक्त फैक्ट्री में शराब निर्माण का कार्य करते थे। इसके अलावा छापेमारी में पुलिस ने मकान के परिसर से एक टोयोटा इनोवा कार जिस पर किंग्स गोल्ड ब्रांड की विदेशी शराब रखी हुई थी व एक स्कूटी भी जप्त किया है।
अवैध शराब फैक्ट्री का संचालन राहुल कुमार व विक्की कुमार द्वारा किया जा रहा था
इसे लेकर बुधवार को एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद ने प्रेस वार्ता में बताया कि अवैध शराब निर्माण की सूचना पर एसपी के निर्देश में छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि शहर के गांधी स्कूल रोड स्थित गोविंद मोदी के मकान में चल रहे अंग्रेजी शराब की मिनी फैक्ट्री से शराब से भरी बोतलों के अलावा इसके निर्माण को लेकर कई सामग्रियां जब्त की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस अवैध शराब फैक्ट्री का संचालन राहुल कुमार व विक्की कुमार द्वारा किया जा रहा था। हालांकि यह दोनों लोग कहां के रहने वाले हैं व कितने दिनों से इस फैक्ट्री का संचालन कर रहे थे इसकी जानकारी नहीं दी गई है। एसडीपीओ के अनुसार पूरे मामले के उद्भेदन को लेकर एक विशेष टीम बनाई गई थी। उन्होंने बताया कि अवैध शराब के निर्माण में कई बड़े लोगों के शामिल होने की प्रथम दृष्टया जानकारी मिली है। पुलिस जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा करेगी।
कम कीमत के शराब को बड़े ब्रांड के कीमती शराब में किया जाता था तब्दील
एसडीपीओ प्रसाद ने बताया कि छापेमारी में गिरफ्तार किए गए दोनों अभियुक्तों ने पूछताछ में यह बताया है कि उक्त फैक्ट्री में हिमाचल प्रदेश से कम कीमत वाले किंग्स गोल्ड स्पेशल व्हिस्की को लाकर इसे बड़े ब्रांड के अंग्रेजी शराब में तब्दील कर बिहार के सीमावर्ती जिलों में आपूर्ति की जाती थी। उन्होंने बताया कि छापेमारी में सिग्नेचर, ब्लैक एंड वाइट हंड्रेड पाइपर, ब्लेंडर प्राइड सहित कई महंगी शराब की खाली बोतले काफी संख्या में बरामद की गई है। वही किंग्स गोल्ड स्पेशल व्हिस्की के 750ml के 103 शराब भरा बोतल बरामद किया गया है। वही किनले सोडा वाटर का 17पीस भरा बोतल भी जब्त की गई है। उन्होंने बताया कि शराब माफियाओं द्वारा महंगी शराब बनाने को लेकर इस ब्रांड के खाली बोतलों में कम कीमत के शराब को अन्य केमिकल मिलाकर भरा जाता था। साथ ही इस पर उसी ब्रांड के नकली कॉर्क, ढक्कन सहित झारखंड विभाग के लेबल लगाकर इसकी आपूर्ति की जाती थी।
अब तक कई बार हो चुका है शराब के अवैध मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन
जिले में अवैध शराब के निर्माण व इसकी तस्करी का धंधा पिछले कई सालों से फलता फूलता रहा है। पुलिस की छापेमारी में डोमचांच के ढोढाकोला व गझंडी जंगल के इलाके से अंग्रेजी शराब निर्माण के अवैध मिनी फैक्ट्री का पूर्व में उद्भेदन किया जा चुका है। वही हाल में ही कोडरमा थाना अंतर्गत कोलगरमा गांव में छापेमारी के दौरान भी वहां संचालित अंग्रेजी शराब के अवैध मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया था। यह पहली दफा है कि शहर में थाने से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर संचालित हो रहे अवैध शराब निर्माण की मिनी फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया है। जिले से होने वाले शराब के अवैध तस्करी के मामले में अब तक दर्जनों मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए जा चुके हैं। बावजूद इसके तस्करी का धंधा बदस्तुर जारी है। शराब के धंधे पर रोक नहीं लगने का मुख्य कारण छापेमारी के दौरान जब्त किए गए जाने वाले शराब के मामले में पुलिस का मुख्य सरगना तक पहुंचने में दिलचस्पी नही लेना रहा है। इधर शहर से हुए अवैध शराब के मिनी फैक्ट्री मामले को लेकर पुलिस के कार्यशैली भी सवालों के घेरे में हैं। शहर में सघन गश्ती व पेट्रोलिंग व्यवस्था के बावजूद फैक्ट्री का संचालन किया जाना कई सवालों को जन्म देता है।