पटना।
बिहार सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में जदयू से अधिक विभाग भाजपा को मंत्रियो के पास हो सकती है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बयान से यह संकेत मिल रहे है। यूं तो जदयू कैबिनेट में 50-50 का फार्मूला चाहती है, पर ऐसा संभव नहीं दिख रहा है। जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के बड़े नेताओं के साथ प्रेसवार्ता करते हुए आरसीपी सिंह ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि कैबिनेट के अंदर की तस्वीर पहले ही तय हो चूकी है। इससे स्पष्ट है कि फिलहाल कैबिनेट के 15 मंत्रियो के बीच विभाग बांटे गए है। इसमें जदयू के मंत्रियों के पास 20 तथा भाजपा काेर्ट के मंत्रियो के पास 21 विभाग है। यह बताने को काफी है कि मंत्रिमंडल में किसकी ताकत कितनी होगी। आरसीपी सिंह का बयान बताता है कि नितिश कैबिनेट में 50-50 का फार्मूला नहीं चलेगा और भाजपा को बड़े भाई की भूमिका देनी होगी।
मकर संक्रांति के बाद मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा आम हो गई है। फिलहाल मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के पास सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, सामान्य प्रशासन, निगरानी और निर्वाचन विभाग है। जबकि डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के पास वित्त, वाणिज्य, कर, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, सूचना प्रौवेधिकी, आपदा प्रबंधन एवं नगर विकास व आवास विभाग का जिम्मा है। जबकि उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के पास पंचायती राज, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण और उद्योग विभाग है। कुल 15 मंत्रियों में जदयू कोटे के मंत्री मेवालाल चौधरी इस्तीफा दे चूके है। वर्तमान में मंत्रीमंडल में जदयू के पाचं तथा भाजपा कोर्ट से दो उप मुख्यमंत्री सहित सात मंत्री है। वहीं वीआईपी पार्टी और हम पार्टी से एक-एक मंत्री है।