पटना।
जदयू नेता उमेश कुशवाहा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। इसके साथ ही जदयू को राज्य में एक युवा नेतृत्व मिल गया है। वे जदयू के विधायक भी रह चूके है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के रूप में महनार विधानसभा सीट से चुनाव हर गए थे। अस्वस्थता के कारण वशिष्ट नारायण सिंह के पद छोड़ने के कारण उमेश कुशवाहा को यह महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी गई है। दरअसल गत विधानसभा चुनाव के नतीजे से जदयू नेतृत्व में बेचैनी रही है। जदयू को अपेक्षकृत काफी कम सीटे मिली है। इसके बाद से जदयू संगठन को मजबूती प्रदान करने की कवायद चल रही है।
प्रदेश अध्यक्ष के पद पर उमेश कुशवाहा की ताजपोशी इसकी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। पार्टी को एक युवा नेतृत्व की जरूरत थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने उमेश कुशवाहा पर भरोसा जताकर खास सियासी संकेत देने की कोशिश की है। उन्होंने यह स्पष्ट संकेत दिया कि वे अब लव कुश समीकरण पर आगे बढ़ना चाहते है। इसके पूर्व भी उन्होंने अपने निकटतम सांसद आसीपी सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर अपना इरादा स्पष्ट किया था। लव कुश समीकरण को आगे बढ़ाने को लेकर उनकी मुलाकात उपेंद्र कुशवाहा से भी हो चूकी है।