नई दिल्ली।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रविवार को ऑक्सफोर्ड व सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को आपात व सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। जबकि कैडिला हेल्थ केयर लिमिटेड के एनकोव वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की भी मंजूरी दी गई है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने वैक्सीन निर्माण में लगे वैज्ञानिकों ,रिसर्च चिकित्सकों और सभी फ्रंटलाइन वारियर्स के कार्य की सराहना की तथा देशवासियों को बधाई दी है।
मोदी ने कहा है कि दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल से देश को कोरोना वायरस से मुक्त कराने में मदद मिलेगी। मालूम हो कि दोनों टीकों की दो खुराक लेनी होगी तथा इसे 2 – 8 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहित किया जा सकता है। डीसीजीआई डॉ वीजी सोमानी ने प्रेस वार्ता में बताया कि विशेषज्ञों की टीम ने कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के सभी डाटा को अध्ययन के बाद दोनों टीकों के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। उन्होंने बताया कि डाटा में कोविशिल्ड को 70 . 42% तक प्रभावी पाया गया है । इसी तरह भारत बायोटेक ने को वैक्सीन टीका पर सुरक्षा और प्रभावी ट्रैक रिकॉर्ड को अच्छी तरह स्थापित किया है। तीनों फेज में 28500 स्वयंसेवकों में क्लीनिकल ट्रायल और 22500 प्रतिभागियों को देश में टीका लगाया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों पूरी तरह से सुरक्षित वैक्सीन है। सभी वैक्सीन में साइड इफेक्ट के कुछ मामले होते हैं पर उससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।
इधर भारत में दो कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने पर डब्ल्यूएचओ ने स्वागत किया है। संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्र पाल सिंह ने कहा कि भारत का निर्णय महामारी के खिलाफ लड़ाई तेज करने में सहायक होगी।