रांची/ पटना।
बिहार सरकार के भीतर भाजपा और जदयू के बीच चल रहे तल्खी के बीच राजद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लुभाने में लग गई है। रांची में मंगलवार को नीतीश कुमार पर बड़ा पासा फेंकते हुए राजद के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि नीतीश अगर तेजस्वी को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बना देते हैं तो विपक्ष 2024 में उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन दे सकती है। वहीं दूसरी ओर जदयू ने पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव में 50 प्रत्याशी उतारने की भी मंशा जाहिर की है। इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बिहार में हलचल तेज हो गई है।
दरअसल राजद इस प्रस्ताव के जरिए एक तीर से दो शिकार करने की ताक में है। इसके पीछे नीतीश की अगुवाई में केंद्र में भाजपा को रोकने तथा बिहार में सत्ता हासिल करने की योजना है। नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार में आ रही बाधा को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार हमलावर होते रहे हैं। उन्होंने पहले ही कह दिया है कि बिहार में मध्यावधि चुनाव होंगे। राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर कांग्रेसी सांसद अखिलेश सिंह ने यह कहा है कि भाजपा की ओर से की जा रही फजीहत को देखते हुए नीतीश को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अरुणाचल में जदयू के 6 विधायकों को भाजपा में शामिल कराए जाने के बाद भी नीतीश कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
नीतीश कुमार की अंतरात्मा जागेगी तो खुद ही पद छोड़ देंगे। मालूम हो कि अरुणाचल के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद जदयू के तेवर सख्त हैं और बदले की कार्रवाई के तहत अन्य राज्यों में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ने की मंशा भी जाहिर की है। इसके तहत पश्चिम बंगाल का चुनाव में जदयू की ओर से बिहारी बहुल क्षेत्रों से 50 उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया गया है। नीतीश कुमार ने यहां तक कहा कि उनकी मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की इच्छा नहीं है।