नई दिल्ली।
कृषि कानून को लेकर आंदोलनरत किसानों की मांगों पर केंद्र सरकार ने बुधवार को सुधार संबंधी मसौदे उनके पास भेजे हैं। वहीं सरकार के साथ आज प्रस्तावित बैठक में किसान नेताओं ने भाग नहीं लिया। सरकार ने मसौदे में एमएसपी जारी रखने तथा कृषि मंडियों एपीएमसी से जुड़े प्रावधानों में बदलाव के प्रस्ताव दिए हैं। इसके अतिरिक्त खरीददारी करने वाले निजी प्लेयर्स को पंजीकरण कराना अनिवार्य करने और अनुबंध के माध्यम से कृषि में किसानों को न्यायालय तक जाने का अधिकार देने का भी प्रस्ताव है। इसको लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने व निजी प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की भी बात कही गई है। हालांकि केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर किसान नेता विचार कर आगे की रणनीति तय करने पर अड़े हैं। मालूम हो कि मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से कुछ किसान नेताओं से हुई वार्ता में प्रस्ताव भेजने की बात तय हुई थी। सरकार ने प्रस्ताव भेजकर किसान संगठनों से आंदोलन त्यागने की अपील की है। इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा है कि किसानों के साथ बातचीत अंतिम दौर में है। सरकार किसानों के मुद्दे को लेकर संवेदनशील है जबकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा है कि हम मुद्दे से पीछे नहीं हटेंगे।